पटना: बिहार में मंगलवार की देर रात उत्तर-पूर्व इलाके में आए तूफान की वजह से काफी तबाही हुई है। 32 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 80 से अधिक घायल विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं। बड़े पैमाने पर घरों और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। सरकार की ओर से मृतकों के परिवार को 4-4 लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रभावित इलाकों का दौरा भी कर सकते हैं।
तूफान का असर पूर्णिया, सहरसा, कटिहार, सुपौल, मधेपुरा, मधुबनी और दरभंगा समेत आसापास के कुछ जिलों में देखा गया। कोसी के इस इलाके में अक्सर तूफान आते हैं, लेकिन इस बार गति बहुत ज्यादा थी।आपदा प्रबंधन विभाग के मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के तीन जिलों में भीषण तूफान से 32 लोगों की मौत हो गई और 80 से अधिक घायल हो गए। मृतकों में सबसे अधिक पूर्णिया जिले के लोग बताए जा रहे हैं। इसके अलावा मधेपुरा और कटिहार से भी मौत की खबर है।
10 हजार से अधिक घर उजड़ गए हैं। सड़कों और बिजली के पोलों पर पेड़ गिर जाने से यातायात और बिजली व्यवस्था ठप पड़ गई है। आंधी तूफान से मोबाइल टावरों को भी नुकसान हुआ है, जिससे मोबाइल नेटवर्क भी काम नहीं कर रहा है। मधेपुरा जिले में भी आंधी के कारण पांच लोगों की मौत हो गई है, जबकि 25 से यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। जिले के मुरलीगंज, बिहारीगंज और उदाकिशनगंज प्रखंड के कई गांव प्रभावित हुए हैं। कई इलाकों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। मधेपुरा के डीएम ने कहा है कि अधिकारियों को आदेश दे दिया गया है कि प्रभावित लोगों को जल्द से जल्द राहत मुहैया कराई जाए। प्रशासन और स्थानीय लोग सड़कों पर गिरे पेड़ काटकर हटा रहे हैं।
पूर्णिया जिले के एक अधिकारी के अनुसार, जिले के डगरूआ प्रखंड में सैकड़ों झोपड़ी और एस्बेस्टस (टीन) की छतें उड़ गई हैं और मकान गिर गए हैं। पूर्णिया के डीएम राजेश कुमार ने 15 लोगों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने बुधवार को बताया कि विभिन्न इलाकों से अब तक 15 लोगों की मौत की खबर है। डगरूआ में सबसे ज्यादा 12 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि पूरे क्षेत्र में सर्वेक्षण का काम जारी है। अपुष्ट खबरों के मुताबिक पूर्णिया में मृतकों की संख्या 25 है और यह संख्या और बढ़ने की आशंका है। तेज आंधी के कारण 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं, जिन्हें पूर्णिया के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।