चंडीगढ़/श्रीनगर: पंजाब पुलिस और जम्मू कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने एक संयुक्त अभियान में बुधवार को तीन छात्रों को गिरफ्तार कर जालंधर में कश्मीरी आतंकी संगठन अंसार गज़वात-उल-हिंद के मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है। पंजाब के पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने यहां एक बयान में बताया कि जालंधर के बाहरी हिस्से शाहपुर में स्थित सीटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग मैंनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के छात्रवास से छात्रों को पकड़ा गया है। यह भी बताया जा रहा है कि आरोपी दिवाली पर बड़ी साजिश करने की फिराक में थे।
संयुक्त टीम ने आज तड़के छात्रावास पर छापा मारा था। उन्होंने बीटेक (सिविल) के द्वितीय सेमेस्टर के छात्र जाहिद गुलजार के कमरे से एक असॉल्ट राइफल समेत दो हथियार और विस्फोटक जब्त किए हैं। गुलजार जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के अवंतीपुरा के राजपुरा का रहने वाला है। गुलजार को मोहम्मद इदरिस शाह उर्फ नदीम और युसूफ रफीक भट के साथ गिरफ्तार किया गया है। शाह पुलवामा का रहने वाला है जबकि रफीक पुलवामा के नूरपुरा का निवासी है।
डीजीपी ने कहा कि यह गिरफ्तारियां विभिन्न जानकारियों के आधार की गई हैं। इस तरह की सूचनाएं थीं कि कुछ आतंकी संगठनों या व्यक्तियों की जम्मू कश्मीर और पंजाब में मौजूदगी है और वे गतिविधियां कर रहे हैं। इस संबंध में जालंधर के सदर थाने में मामला दर्ज किया गया है।
अरोड़ा ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है और पंजाब पुलिस, जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ करीब से काम कर रही है ताकि पंजाब और जम्मू कश्मीर में इन संगठनों/व्यक्तियों की साजिश और नेटवर्क का भड़ाफोड़ किया जा सके। उन्होंने कहा कि अंसार गज़वात-उल-हिंद से संबंधित आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ और जालंधर में हथियारों की जब्ती उस साजिश का हिस्सा है जिसमें पाकिस्तान की आईएसआई भारत की पश्चिमी सीमा पर आतंकवाद का प्रसार करना चाहती है।
गौरतलब है कि हाल में पटियाला के बनूर से पंजाब पुलिस ने जम्मू कश्मीर के शोपियां निवासी गाजी अहमद मलिक को हिरासत में लिया था, जहां वह आर्यन्स ग्रुप पॉलीटेक्निक कॉलेज में पढ़ रहा था। उन्होंने बताया कि यह मालूम पड़ा था कि गाजी आदिल बशीर शेख के संपर्क में था। शेख जम्मू कश्मीर का विशेष पुलिस अधिकारी था जो श्रीनगर में पीडीपी विधायक के घर से सात राइफलों के साथ फरार हो गया था। ऐसा शक है कि वह हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है।
गाजी को बाद में आगे की तहकीकात के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले कर दिया गया था।