हैदराबाद: ब्रिटेन से हाल ही में आए तीन लोगों के कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (सीसीएमबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में बताया। कोरोना के नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए करीब 40 नमूने सीएसआईआर-सीसीएमबी में भेजे गए थे। इनमें से तीन नमूनों में कोरोना के नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर)-सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने बताया, ‘‘ब्रिटेन से हाल में लौटे लोगों के 40 नमूने सीसीएमबी को मिले थे। संक्रमण के कुछ नतीजे सही नहीं थे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने (कोरोना के नए स्ट्रेन के लिए) 20 नमूनों का अनुक्रमण का काम पूरा कर लिया, इनमें से तीन में (ब्रिटेन में मिले नए प्रकार के वायरस से) संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।’’ अधिकारी के मुताबिक बड़े पैमाने पर जांच करने की जरूरत है और लोगों को नए प्रकार के वायरस के बारे में डरना नहीं चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘यह (कोविड-19 के) नए स्वरूप का वायरस है, बाकी इसमें कुछ अलग नहीं है। यह कोई मुद्दा नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘संक्रमण के लक्षण, मृत्यु दर, हर चीज समान है। हमें बस ऐहतियात बरतने की जरूरत है।’’ उन्होने कहा कि नए प्रकार का वायरस तेजी से संक्रमण फैला सकता है। सरकार के मुताबिक, नौ दिसंबर के बाद से ब्रिटेन से तेलंगाना में 1216 लोग आए हैं और उनमें से 1060 लोगों का पता लगा लिया गया है। इनमें से छह लोग दूसरे देशों और बाकी 58 लोग दूसरे राज्यों में चले गए हैं।
सीसीएमबी की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, कोरोना वायरस के नए स्वरूप के बारे में कहा जा रहा है कि यह 71 गुणा ज्यादा संक्रमण फैलाता है। राज्य सरकार ने 996 लोगों की जांच करवायी है इनमें से 21 लोग संक्रमित मिले और नौ लोगों के नतीजों की प्रतीक्षा है। सीसीएमबी में कोरोना वायरस जीनोम अनुक्रमण के कार्यों में जुटे दिव्य तेज सोपति ने कहा, ‘‘हमें वायरस के जीनोम अनुक्रमण के काम में तेजी लाने और देश में वायरस के नए स्वरूप का पता लगाने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने पारंपरिक सांगेर अनुक्रमण पद्धति और आधुनिक पद्धति दोनों का इस्तेमाल किया है।’’