नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में बीजपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) ने शनिवार को बड़ा फैसला लिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल में सेवारत भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अपनी सेवा देने के लिए शनिवार को एकतरफा तरीके से तलब किया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई राज्य में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हमले और पार्टी द्वारा सुरक्षा में लापरवाही के आरोप लगाए जाने के कुछ दिन के भीतर हुई है। अधिकारियों ने बताया कि तीनों अधिकारी भाजपा अध्यक्ष की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे।
माना जा रहा है कि गृह मंत्रालय (एमएचए) के इस कदम से पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ ममता बनर्जी नीत सरकार और केंद्र की भाजपा नीत सरकार के बीच दो दिन पहले नड्डा के काफिले पर हुए हमले के पैदा हुई खींचतान और बढ़ेगी। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि तीनों आईपीएस अधिकारी पश्चिम बंगाल कैडर के हैं और उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में सेवा के लिये बुलाया गया है। इन अधिकारियों को उन चूकों की वजह से बुलाया गया है, जिनकी वजह से नड्डा के काफिले पर हमला हुआ। उन्होंने बताया कि यह फैसला अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों पर लागू होने वाली नियमावली के तहत लिया गया है। उल्लेखनीय है कि सामान्य तौर पर अखिल भारतीय सेवा के किसी अधिकारी को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाने से पहले संबंधित राज्य की सहमति ली जाती है।
बता दें कि, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए 14 दिसंबर को पेश होने को कहा था। वहीं, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी 10 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले में नड्डा के काफिले पर हुए हमले की पृष्ठभूमि में केंद्र को अपनी रिपोर्ट भेजी थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के इस कदम से पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार और जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के बीच चल रही खींचतान के और बढ़ने की संभावना है।
बंगाल के अधिकारियों को दिल्ली तलब किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी पर हमला बोला था। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा था कि बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा के काफिले पर हमले को लेकर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को दिल्ली तलब करना राजनीति से प्रेरित है। लोकसभा में तृणमूल कांग्रस के मुख्य सचेतक बनर्जी ने आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन को भयभीत करने के लिए दबाव डालने वाली कार्रवाई की जा रही है और केंद्रीय गृहमंत्री के इशारे पर शीर्ष अधिकारियों को तलब किया गया है।
अमित शाह भी 2 दिवसीय बंगाल दौरे पर जाएंगेकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आगामी 19 दिसंबर को दो दिनों के लिए बंगाल के दौरे पर जाने वाले हैं। शाह का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि विगत वर्षों में शाह और ममता बनर्जी के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रहे हैं। 2021 में बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले शाह रणनीति तैयार करने के लिए पिछले महीने 4 नवंबर को भी बंगाल गए थे। उन्होंने पार्टी के कुछ कार्यक्रमों में भी हिस्सा लिया था। पार्टी ने कहा था कि शहा और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हर महीने बंगाल आएंगे। राज्य में बीजेपी के महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह 19 और 20 दिसंबर को बंगाल में होंगे।
पश्चिम बंगाल के दौरे पर जाएंगे डेप्युटी इलेक्शन कमिश्नर
पश्चिम बंगाल में 2021 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 17 दिसंबर को डेप्युटी इलेक्शन कमिश्नर सुदीप जैन 2 दिनों के दौरे पर जाएंगे। भारतीय चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा, "डेप्युटी इलेक्शन कमिश्नर 17 दिसंबर से दो दिनों की यात्रा पर पश्चिम बंगाल में होंगे।" कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग बंगाल के चुनाव के लिए किसी भी तरह की ढील देने वाला नहीं है। आयोग अपनी तैयारियों को जल्द-से-जल्द पूरा कर लेना चाहता है। सूत्रों की मानें तो डेप्युटी इलेक्शन कमिश्नर अपने दौरे के दौरान राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों और डीएम से मुलाकात करेंगे और चुनाव की तैयारियों का जायजा लेंगे। वहीं, 14 दिसंबर को पश्चिम बंगाल के चुनाव आयोग की जिलाधिकारियों के साथ आंतरिक बैठक होगी।