श्रीनगर: जम्मू एवं कश्मीर में रविवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ में 11 आतंकवादी मारे गए, और तीन सैनिक भी शहीद हो गए। इसके अलावा दो नागरिकों की भी मौत हो गई। पिछले साल मई में लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या करने वाला आतंकवादी भी मृतकों में शामिल है। 11 आतंकवादियों में से 10 शोपियां जिले में हुई दो मुठभेड़ों में मारे गए, जबकि एक आतंकवादी अनंतनाग जिले में मारा गया। इस मुठभेड़ को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच सबसे भीषण मुठभेड़ माना जा रहा है।
आतंकवादियों के मारे जाने की खबर इलाके में फैलने के बाद इलाके में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। स्थानीय निवासियों के घरों से निकल कर सड़क पर उतर आने से सुरक्षाबलों की परेशानी और बढ़ गई। सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने कहा कि दिन के अंत तक 11 आतंकवादियों, तीन सैनिकों और दो नागरिकों की मौत हो चुकी थी। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि अनंतनाग के दियालगाम में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि एक अन्य आतंकवादी गिरफ्तार किया गया।
शोपियां के द्रागढ़ गांव में सात आतंकवादी और कचदूरा गांव में तीन आतंकवादी मारे गए। द्रागढ़ और कचदूरा में एक-एक नागरिक भी मारे गए। एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इन अभियानों में तीन सैनिक शहीद हो गए।
सेना की श्रीनगर में 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. भट ने पुलवामा के अवंतीपुरा में संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे सभी सुरक्षा बलों के लिए आज का दिन बहुत विशेष है।" उन्होंने कहा, "हमने दो अभियानों में आठ आतंकवादियों को मार गिराया और तीसरे स्थान पर आतंकवादियों के खिलाफ मुठभेड़ जारी है।" बाद में इस मुठभेड़ में तीन आतंकवादी और मार दिए गए।
जनरल भट ने कहा कि छुट्टी पर अपने घर जा रहे लेफ्टिनेंट फैयाज की हत्या करने वाले दोनों आतंकवादियों को मार दिया गया है। उन्होंने कहा, "मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे कृपया हथियारों का प्रलोभन छोड़ दें। हथियार का उपयोग करने वाले हर व्यक्ति से ऐसे ही निपटा जाएगा जैसे आज इन आतंकवादियों से निपटा गया।" उन्होंने कहा कि बहुत समय बाद कश्मीर में इतना बड़ा आतंकवादी के सफाए का अभियान छेड़ा गया है।
जम्मू एवं कश्मीर के पुलिस महानिदेशक एस.पी. वैद ने कहा कि दियालगाम में एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने आतंकवादियों को समर्पण करने को राजी करने के लिए विशेष प्रयास किया। उन्होंने कहा कि अधिकारी ने दो आतंकवादियों के परिजनों को उन्हें समर्पण के लिए राजी करने के लिए बुलाया। वैद ने कहा, "एक आतंकवादी ने समर्पण करने के बजाए गोलीबारी शुरू कर दी, इसके बाद पुलिस के पास उसे मारने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा।" उन्होंने बताया कि दूसरे आतंकवादी को जिंदा गिरफ्तार कर लिया गया। सुरक्षाबलों ने बड़ी निपुणता से अभियान को अंजाम दिया।
उन्होंने कहा, "अभियान में सेना के दो जवान शहीद हो गए, जबकि सेना, सीआरपीएफ और पुलिस के कुछ जवान घायल हो गए।" उन्होंने कहा कि मुठभेड़ में दो नागरिकों की भी मौत हो गई। वैद ने कहा, "द्रागढ़ गांव में मारा गया एक व्यक्ति उस मकान का मालिक था, जिसमें आतंकवादी छिपे हुए थे। जबकि दूसरा कचदूरा गांव में हुई मुठभेड़ में घायल हो गया।"
उन्होंने कहा, "छह नागरिक गोली लगने से घायल हो गए हैं और हम उम्मीद करते हैं कि वे जल्दी स्वस्थ हो जाएंगे।" पुलिस प्रमुख ने कहा कि द्रागढ़ में मारे गए सभी सात स्थानीय आतंकवादियों के परिजन मिल गए हैं। उन्होंने लेफ्टिनेंट फैयाज के कातिलों की पहचान अहमद मलिक और रईस ठोकर के रूप में हुई है। दोनों की मौत द्रागढ़ मुठभेड़ में हुई। उन्होंने कहा, "युवाओं को मरते देखना बहुत दुख देने वाला है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि बच्चों को हथियारों से दूर रखा जाएगा।"
पुलिस महानिरीक्षक एस.पी. पाणि ने कहा कि दक्षिण कश्मीर के चारों जिलों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। रेल सेवा को भी एहतियातन बंद कर दिया गया है। इस दौरान घाटी में सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया है। घाटी के बारामूला और जम्मू क्षेत्र के बनिहाल कस्बे के बीच रेल सेवा दिनभर के लिए रोक दी गई है।
शोपियां जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने कहा कि यहां भर्ती नौ घायलों को विशेष चिकित्सा के लिए श्रीनगर भेजा गया है। कयास लगाया जा रहा था कि मुठभेड़ में मारे गए आतंकी कमांडरों में लश्कर कमांडर नावीद जाट उर्फ अबू हुनजुल्ला भी शामिल है। इसके बाद पुलिस ने एक बयान जारी कर कहा कि मारे गए अधिकांश आतंकवादियों की पहचान होनी अभी बाकी है।
पाकिस्तान का रहने वाला जाट छह फरवरी को श्रीनगर के एक अस्पताल से अन्य आतंकवादियों की मदद से फरार हो गया था। अलगाववादियों ने नागरिकों की हत्या के खिलाफ रविवार और सोमवार को घाटी में बंद का आह्वान किया है।