Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. सीवर की सफाई के दौरान पिछले 3 साल में हुई 271 सफाईकर्मियों की मौत: आयोग

सीवर की सफाई के दौरान पिछले 3 साल में हुई 271 सफाईकर्मियों की मौत: आयोग

सफाईकर्मियों की सुरक्षा से जुड़े तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद गत 3 वर्षों में सीवर की सफाई करने के दौरान कुल 271 लोगों की जान चली गई।

Reported by: Bhasha
Published on: March 08, 2020 12:58 IST
scavengers died, 271 scavengers died, Scavengers dead, Sewer Cleaning, Scavengers Sewer Cleaning- India TV Hindi
सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2019 में सीवर की सफाई के दौरान 110 लोगों की मौत हुई। PTI Representational

नई दिल्ली: सफाईकर्मियों की सुरक्षा से जुड़े तमाम प्रयासों और दावों के बावजूद गत 3 वर्षों में सीवर की सफाई करने के दौरान कुल 271 लोगों की जान चली गई। आंकडों के मुताबिक, इनमें से 110 मौतें सिर्फ 2019 में हुई हैं। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से सूचना के अधिकार के तहत प्रदान किए गए आंकड़ों से यह जानकारी सामने आई है। RTI आवेदन पीटीआई ‘भाषा’ द्वारा दायर किया गया था। 

2017 में हुई 193 सफाईकर्मियों की मौत

आयोग के अध्यक्ष मनहर वालजीभाई जाला का कहना है कि सफाई के लिए आधुनकि मशीनों की सुविधाएं नहीं होने और ज्यादातर जगहों पर अनुबंध की व्यवस्था होने से सफाईकर्मियों की मौतें हो रही हैं। सफाई कर्मचारी आयोग की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 2019 में सीवर की सफाई के दौरान 110 लोगों की मौत हुई। इसी तरह 2018 में 68 और 2017 में 193 मौतें हुईं। प्रदेश स्तर पर सफाईकर्मियों की काम के दौरान हुई मौत के आंकड़े की बात करें तो गत 3 वर्षों में सबसे ज्यादा 50 मौतें उत्तर प्रदेश में हुई हैं।

टेक्नोलॉजी की कमी है प्रमुख कारण
आयोग के आंकड़े के अनुसार तमिलनाडु, हरियाणा और दिल्ली में 31-31 सफाईकर्मियों और महाराष्ट्र में 28 सफाईकर्मियों की मौत हुई। सीवर में सफाईकर्मियों की मौत के बारे में पूछे जाने पर आयोग के अध्यक्ष जाला ने कहा, ‘इन मौतों की मुख्य वजहें यांत्रिकी (टेक्नोलॉजी) के इस्तेमाल की सुविधाएं नहीं होना और ज्यादातर राज्यों में अनुबंध के आधार पर सफाईकर्मियों को रखा जाना है। अनुबंध की स्थिति में सरकारें सफाईकर्मियों के हितों का उचित ध्यान नहीं रखतीं। हमारे बार-बार आग्रह करने पर दिल्ली और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों ने सीवर की सफाई के लिए मशीनों का इस्तेमाल शुरू किया है। सभी राज्यों को ऐसी कोशिश करनी होगी।’

‘आंकड़े से कहीं ज्यादा हुई हैं मौतें’
दूसरी तरफ, सफाईकर्मियों के कल्याण के लिए काम करने वाले संगठनों का कहना है कि सीवर में सफाई के दौरान होने वाली मौतों का आकंड़ा इससे कहीं ज्यादा है क्योंकि दूरदराज के इलाकों से बहुत सारे मामलों की रिपोर्ट नहीं होती। ‘सफाई कर्मचारी आंदोलन’ के प्रमुख और ‘रैमन मैगसायसाय पुरस्कार विजेता’ बेजवाड़ा विल्सन ने कहा, ‘सीवर में मौतों के ये वो आकंड़े हैं जो रिपोर्ट हुए हैं। हमारा मानना है कि यह संख्या इससे कहीं ज्यादा है।’ 

सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने दी थोड़ी राहत
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से मार्च, 2014 में दिए गए एक आदेश के मुताबिक सीवर में मौत होने पर सम्बन्धित परिवार को 10 लाख रुपये की सहायता दी जाए। विल्सन का कहना है कि इस आदेश के बावजूद लोगों को सहायता राशि मिलने और पुनर्वास में काफी दिक्कत होती है क्योंकि सरकारों की प्राथमिकता में सफाईकर्मी नजर नहीं आते।

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement