नयी दिल्ली: देश में सशस्त्र बलों में कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला बड़ा मामला शनिवार को सामने आया। भारतीय नौसेना के कम से कम 26 जवानों में संक्रमण की पुष्टि हुई। केंद्र ने कहा है कि देश में संक्रमण के जितने मामले आए हैं उसमें 30 प्रतिशत का संबंध दिल्ली के निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम से है । राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के 25 दिन पूरा होने के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को लॉकडाउन के दौरान देश की स्थिति की समीक्षा की और इस दौरान आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का जायजा लिया। देश में लॉकडाउन तीन मई को खत्म होना है।
अधिकारियों के अनुसार बैठक में शाह को बताया गया कि गृह मंत्रालय ने देश के विभिन्न भागों में फंसे मजदूरों की मदद करने के लिए क्या कदम उठाए हैं। देश में कोरोना वायरस के संक्रमण के 14,792 मामले हो गए हैं और मृतकों की संख्या 488 हो गयी है । देश में कोविड-19 की स्थिति को लेकर आयोजित दैनिक संवाददाता सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया, ‘‘23 राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों के 47 जिलों में सकारात्मक रूख दिखा। कर्नाटक में कोडागू और पुडुचेरी में माहे नये जिले हैं जिन्हें इस सूची में शामिल किया गया है जहां पिछले 28 दिनों में नये मामले सामने नहीं आए हैं।’’
उन्होंने कहा कि 12 राज्यों में 22 नये जिलों में पिछले 14 दिनों से कोई नया मामला सामने नहीं आया है। इन जिलों में बिहार में लखीसराय, भागलपुर और गोपालगंज, राजस्थान में उदयपुर और धौलपुर, जम्मू-कश्मीर में पुलवामा, हरियाणा में रोहतक और आंध्रप्रदेश में विशाखापत्तनम शामिल हैं। अधिकारी ने बताया कि बिहार के पटना और पश्चिम बंगाल के नादिया और हरियाणा के पानीपत में पहले दो हफ्ते में कोविड-19 का कोई नया मामला सामने नहीं आया था लेकिन वहां संक्रमण के मामले सामने आए हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शहर में पिछले तीन दिन में कोविड-19 के मामलों में मामूली कमी आयी है। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में इसमें और कमी आएगी। अग्रवाल ने बताया कि मरकज में हुए कार्यक्रम से जुड़े अधिकतर मामले राज्यों से जुड़े हुए हैं। तमिलनाडु में 84 फीसदी, तेलंगाना में 79 फीसदी, दिल्ली में 63 फीसदी, उत्तरप्रदेश 59 फीसदी और आंध्रप्रदेश से 61 फीसदी है।
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के कुल 14,378 मामलों में से 4,291 मामले या 29.8 फीसदी तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं।’’ स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने यह भी कहा कि कुछ राज्यों में कोविड-19 संक्रमण के मामले कम हैं लेकिन वहां भी मरकज के कार्यक्रम से जुड़े मामले सामने आए हैं। उदाहरण के लिए अरूणाचल प्रदेश में कोरोना वायरस का एकमात्र मामला मरकज में हुए कार्यक्रम से जुड़ा हुआ है। इसी तरह असम में 35 में से 32 मामले और अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह में 12 में से 10 मामले जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। मुंबई में पश्चिमी नौसेना कमान में तैनात भारतीय नौसेना के कम से कम 26 जवानों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी संक्रमित नौसैनिक साजो-सामान और सहयोग शाखा आईएनएस आंग्रे में सेवारत हैं और उनका नौसेना के एक अस्पताल में इलाज चल रहा है। नौसेना ने संक्रमित कर्मियों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाने के लिए व्यापक अभियान शुरू कर दिया है। सूत्रों ने बताया कि आईएनएस आंग्रे के अंदर बनी रिहायशी इमारतों में सभी निवासियों की जांच की जा रही है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सेना के शीर्ष अधिकारी को इसकी जानकारी दे दी गई है और वे हालात पर करीब से नजर रखे हुए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार शाम अपडेट में कहा है कि देश में संक्रमित लोगों की संख्या 14,792 है और 488 लोगों की मौत हुई है।
हालांकि, विभिन्न राज्यों से मिली खबरों के आधार पर पीटीआई-भाषा की तालिका के मुताबिक संक्रमण के 14,848 मामले हो चुके हैं और मृतकों की संख्या 500 पार कर गयी है जबकि 2067 लोग ठीक हो चुके हैं । बहरहाल, अग्रवाल ने कहा कि अभी तक कोविड-19 से 1992 मामले यानी 13.85 फीसदी रोगी ठीक हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 से मरने की दर 3.3 फीसदी है। अग्रवाल ने कहा, ‘‘मरने वालों में 75.3 फीसदी 60 वर्ष या अधिक उम्र के हैं और 83 फीसदी मामलों में मरीज अन्य रोगों से भी ग्रस्त पाए गए।’’
उधर, महाराष्ट्र सरकार ने लॉकडाउन के कारण राज्य में आजीविका गंवा चुके पंजीकृत 12 लाख से ज्यादा निर्माण मजदूरों में प्रत्येक को दो-दो हजार रुपये देने का फैसला किया है । उत्तरप्रदेश सरकार ने राजस्थान के कोटा से छात्रों को लाने के लिए बसों को रवाना किया है । लॉकडाउन के कारण कोटा में फंसे करीब 3,000 छात्र उत्तरप्रदेश सरकार द्वारा भेजी गयी 100 बसों से अपने घर लौटे हैं लेकिन 7,000 और छात्र राजस्थान से लौटने के इंतजार में हैं।