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जम्मू कश्मीर में अब भी 250 आतंकवादी सक्रिय, 2019 में 160 आतंकवादियों को मार गिराया, 102 गिरफ्तार

जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में 250 आतंकवादी सक्रिय हैं। 2019 में 160 आतंकवादियों को मार गिराया गया है और 102 को गिरफ्तार किया गया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated : December 31, 2019 20:12 IST
Jammu and Kashmir, indian army, Dilbag Singh
Image Source : @ADGPI 250 terrorists active in Jammu and Kashmir, 160 terrorists killed and 102 arrested in 2019: Dilbag Singh (File Photo)

नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने मंगलवार को कहा कि राज्य में 2019 में 160 आतंकवादी मारे गये और 102 गिरफ्तार किये गये। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में 250 आतंकवादी अब भी सक्रिय हैं लेकिन आतंकवाद से जुड़ने वाले युवाओं में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि 2018 की तुलना में 2019 में आतंकवादी घटनाओं में 30 फीसदी कमी आयी, कम नागरिकों की जान गयी तथा कानून व्यवस्था से जुड़ी घटनाओं में 36 फीसद गिरावट आयी। सिंह ने यहां पुलिस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘2018 में ऐसे 218 (स्थानीय) युवक आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए थे जबकि 2019 में 139 युवक इन संगठनों का हिस्सा बने।’’

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उन्होंने कहा कि इन नये रंगरूटों में बस 89 बच गये। पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘‘बाकी का सफाया किया गया क्योंकि आतंकवाद से जुड़ने के बाद उनकी जिंदगी महज 24 घंटे से लेकर दो-महीने तक रही। बमुश्किल ही कुछ पुराने आतंकवादी बचे हुए हैं जिनमें जहांगीर सरूरी और रियाज नायिकू शामिल हैं।’’ उन्होंने कहा कि 2019 में कानून व्यवस्था से जुड़ी 481 घटनाएं हुईं जबकि 2018 में 625 ऐसी घटनाएं हुई थीं। सिंह ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में 250 आतंकवादी सक्रिय हैं। 2018 की तुलना में इस साल सक्रिय आतंकवादियों की संख्या घटी है।’’ उन्होंने कहा कि इस साल 80 फीसद आतंकवाद निरोधक अभियान सफल रहे और विदेशियों समेत 160 आतंकवादी मारे गये।

उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर पुलिस के 11 जवान और अन्य सुरक्षाबलों के 72 जवान शहीद हो गये।’’ सिंह ने कहा कि इस साल 102 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया जबकि 10 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद निरोधक अभियान में अन्य लोगों की जान नहीं गयी क्योंकि लोगों ने पूर्ण सहयोग किया। उन्होंने कहा, ‘‘इस साल (आतंकवाद निरोधक अभियानों के दौरान) कानून व्यवस्था की समस्या नहीं आयी।’’ पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘‘इस साल सीमापार से बड़ी संख्या में घुसपैठ की कोशिश और संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाएं हुईं। लेकिन सुरक्षाबलों ने इन कोशिशों की सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। 2019 में 130 घुसपैठियों ने घुसपैठ की जबकि पिछले साल 143 ने ऐसा किया था।’’

इंटरनेट सेवा बहाल करने के संबंध में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि जम्मू कश्मीर (कानून व्यवस्था के मोर्चे पर) ऐसी स्थिति की ओर बढ़ रहा है। शीघ्र ही आपको सकारात्मक घोषणा सुनने को मिलेगी।’’ उन्होंने कहा कि कुछ लोग इंटरनेट का दुरूपयोग करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘अतीत में हमने उनका संज्ञान लिया था और भविष्य में भी हम ऐसे लोगों पर नजर रखेंगे।’’ जम्मू कश्मीर के सरकारी प्रवक्ता रोहित कंसल ने मंगलवार को कहा कि कश्मीर घाटी में 31 दिसंबर की आधीरात से सभी सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवा और मोबाइल फोनों पर एसएमएस सेवा बहाल हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों, छात्रवृति आवेदकों, व्यापारियों और अन्य की सहूलियत के लिए 10 दिसंबर को मोबाइल फोनों पर कुछ एसएमएस बहाल की गयी थी। अब तय किया गया है कि 31 दिसंबर की आधी रात से पूरे कश्मीर में इस सेवा को बहाल कर दिया जाए। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को लद्दाख के कारगिल जिले में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गयी थी जो संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद 145 दिनों तक निलंबित थी। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर में इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गयी थी। उसी दिन केंद्र ने अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों-- जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बांटने की घोषणा की थी।

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