नई दिल्ली: अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनावों के दौरान करीब 25 से 30 फीसदी मुसलमानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वोट दिया। इंडिया टीवी पर आज रात प्रसारित होनेवाले शो 'आप की अदालत' में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए नकवी ने कहा, 'मैं डंके की चोट पर कह सकता हूं कि 25 से 30 फीसदी मुस्लिम समाज के लोगों ने मोदी जी को इस बार वोट दिया।'
मुसलमानों का माइंडसेट बदल गया
'मुसलमानों द्वारा मोदी को वोट देने की वजह यह है कि उन्होंने फैसला लिया कि अब बहुत हो गया। लंबे अर्से से.. जनसंघ के दिनों से.. इंदिरा गांधी के समय में, मुसलमानों को हमसे डरने के लिए कहा जा रहा था। अब समय बदल गया है, मुसलमानों का माइंडसेट बदल गया है।'
योग्यता के आधार पर मतदान
नकवी ने कहा, 'हिंदू और मुसलमान के नाम पर ज्यादा ध्रुवीकरण नहीं होगा। इस बार अधिकांश मुसलमानों ने किसी पार्टी को हराने के लिए वोट नहीं डाला, उन्होंने योग्यता के आधार पर मतदान किया।'
मोदी सरकार की योजनाओं का लाभ मुसलमानों को भी मिला
नकवी ने कहा, 'हमने कभी नहीं कहा कि हम बिना मुस्लिमों के समर्थन के जीते। मोदी जी ने सभी कल्याणकारी योजनाओं को जाति या धर्म के आधार पर भेदभाव किये बिना लागू किया और मुसलमानों को भी इसका लाभ मिला। एक वो भी वक्त था जब ये कहा गया कि राष्ट्र के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। वे नेता मुसलमानों को बेवकूफ बना रहे थे।'
मुसलमानों के मन में कोई डर नहीं बिठा सकता
हालांकि नकवी ने यह स्वीकार किया कि उनकी पार्टी के कुछ भड़काऊ तत्वों द्वारा मुसलमानों के खिलाफ कुछ तीखे बयान दिये जा रहे हैं। रजत शर्मा ने जब कहा कि इस तरह के भड़काऊ बयान देनेवाले एक नेता उनकी सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर (गिरिराज सिंह) हैं, नकवी ने कहा: 'मुसलमानों को केवल प्रधानमंत्री मोदी या पार्टी अध्यक्ष अमित शाह या बीजेपी के किसी जिम्मेदार नेता पर भरोसा करना चाहिए। उन्हें इस तरह के भड़काऊ बयान देनेवाले लोगों को इग्नोर करना चाहिए। मुसलमानों को डरना नहीं चाहिए और न ही कोई उनके दिमाग में डर बिठा सकता है।'
राजनीतिक सशक्तिकरण महत्वपूर्ण मुद्दा
यह पूछे जानेपर कि अगर बीजेपी भेदभाव को खत्म करना चाहती है तो फिर उसने मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट क्यों नहीं दिया, केंद्रीय मंत्री ने कहा: 'हमने 9 से 10 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत सके। यह महत्वपूर्ण नहीं है। महत्वपूर्ण मुद्दा है राजनीतिक सशक्तिकरण का। यह सही है कि संसद और विधानसभाओं में मुसलमान प्रतिनिधियों की संख्या में गिरावट आई है, लेकिन यह पिछले कई वर्षों में हुआ है। '
मुस्लिम वोटों का अपहरण
नकवी ने कहा, 'बीजेपी की तरफ से किसी ने कभी नहीं कहा कि हम मुसलमानों का वोट लेकर सरकार बनाते हैं। यह उनलोगों के द्वारा किया जा रहा है जो एक तरह की राजनीतिक शून्यता का निर्माण कर भय का माहौल बनाते हैं और मुस्लिम वोटों का अपहरण करते हैं। वे नेता ऐसे थे जो कमरे के अंदर मुसलमानों की टोपी पहनते थे और मंदिर जाते समय तिलक लगाते थे।'
मोदी के पांच साल के कार्यकाल में कोई बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं
नकवी ने कहा कि '2014 से लेकर 2019 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पांच साल के कार्यकाल में कोई बड़ा सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। लिंचिंग की घटनाओं में संलिप्त अपराधियों को जेल भेजा गया। अल्पसंख्यकों के लिए बजट को 2 हजार करोड़ से बढ़ाकर 5 हजार करोड़ किया गया।'
3 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप
नकवी ने कहा, 'हमारी सरकार ने पिछले चार साल में 3 करोड़ अल्पसंख्यक छात्रों को स्कॉलरशिप दी। स्किल डेवलपमेंट के तहत हमने 8.5 लाख से ज्यादा युवा मुसलमानों को प्रशिक्षित किया। हमारी सरकार पूरे देश में 100 'हुनर हाट' (कारीगरों के लिए बाजार) स्थापित करने जा रही है। हम 5 करोड़ से ज्यादा मुसलमान छात्रों को स्कॉलरशिप देंगे और इसमें आधी से ज्यादा संख्या छात्राओं की होगी। मुस्लिम छात्रों को ब्रिज कोर्स के लिए तैयार करने के लिए 12 हजार मदरसों के गणित और विज्ञान जैसे बुनियादी विषयों के शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे।नकवी ने कहा, 'मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है, और जो लोग उनके मन में डर बिठाने की कोशिश कर रहे हैं, उनके पास खुद डरने की वजह रही होगी।'
पाकिस्तान की तुलना में ज्यादा हज कोटा मिला
केंद्रीय मंत्री ने खुलासा किया कि कैसे सऊदी क्राऊन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की भारत यात्रा के दौरान पीएम मोदी की मौजूदगी में आयोजित एक भोज में भारतीय हज यात्रियों का कोटा दो लाख तक बढ़ाया गया था। उन्होंने कहा, 'आजादी के बाद से यह पहली बार है कि हमें पाकिस्तान की तुलना में ज्यादा हज कोटा मिला है। हम केवल इंडोनेशिया से पीछे हैं, जिसे 2.12 लाख का सबसे बड़ा कोटा मिलता है।'
बहुसंख्यकों (हिंदू) का स्वभाव धर्मनिरपेक्ष
नकवी ने दावा किया कि 'भारतीय उपमहाद्वीप में अन्य देशों की तुलना में भारतीय मुसलमानों को बेहतर तरीके से रखा गया। भारत एक ऐसा देश है, जहां बहुसंख्यकों (हिंदू) का स्वभाव धर्मनिरपेक्ष है और वह मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ शांति से रहना चाहता है।'
जमीयत-उल-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने भी इस शो में हिस्सा लिया और कहा कि मुसलमानों को अपने बंद आवरण से बाहर आना चाहिए और धर्म या जाति के आधार वोटिंग करने के बजाय शुद्ध रूप से उम्मीदवारों की योग्यता के आधार पर वोट करना चाहिए।