पटना: बिहार विधानसभा में आज ये प्रस्ताव रखा गया कि केंद्र सरकार 2021 की जनगणना में जातीय जनगणना को भी शामिल करे और इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। बता दें कि बिहार में कई दलों के नेताओं की ये पुरानी मांग रही है। देश में जातीय जनगणना की मांग लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार करते रहे है। नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद लालू यादव ने इस मुद्दे को उठाया खासकर 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इसे जोर शोर से उठाया।
वहीं, नीतीश कुमार भी 2015 से ही जातीय जनगणना की मांग के पक्षधर हो गए। उन्होंने भी कई मौकों पर जातीय जनगणना की मांग की। इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव में जाति ही आखिरी फैक्टर होगा लिहाजा विधानसभा से इसका प्रस्ताव पारित कर दिया गया।
बिहार की तमाम विपक्षी पार्टी के एजेंडे में जातीय आधारित जनगणना की बात रही है लेकिन सीएम नीतीश ने एक बार में सभी दल से इस मुद्दे को छीन लिया। दो दिन पहले भी NRC और एनपीआर को लेकर प्रस्ताव पारित कर नीतीश ने इस मुद्दे को राजद के लिए खत्म कर दिया।