नई दिल्ली: 2016 के जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा कुछ दिन पहले 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई थी। इंडिया टीवी के हाथ वह वीडियो लगा है जिसका जिक्र चार्जशीट में किया गया है और जिसे दिल्ली पुलिस सबूत के तौर पर अदालत के सामने रखेगी। इस वीडियो को देखकर लगता है कि उस दिन जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए थे। वीडियो में आरोपी भारत विरोधी नारे लगाते हुए देखे जा सकते हैं। इस वीडियो में उमर खालिद समेत लगभग 50 लोगों की भीड़ को 2001 में हुए संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की सजा के विरोध में नारे लगाते हुए देखा जा सकता है।
वहीं, दिल्ली सरकार इस मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने के संबंध में कानूनी सलाह ले रही है। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और 9 अन्य लोगों के खिलाफ दायर आरोपपत्र को लेकर अदालत ने दिल्ली पुलिस से सवाल किया था कि उन्होंने समुचित अनुमति/मंजूरी के बगैर उनके खिलाफ आरोपपत्र कैसे दायर कर दिया है। शनिवार को अदालत के सवाल करने के बाद से ही दिल्ली की आप सरकार और शहर पुलिस के बीच खींचतान चल रही है।
दिल्ली सरकार के सूत्रों का कहना है कि मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए अदालत ने नियम तय किए हैं और उनका पालन किया जाएगा। सूत्र ने बताया, ‘नियमानुसार सरकार को मंजूरी देने के लिए 3 महीने का वक्त मिलता है। दिल्ली पुलिस को आरोपपत्र दायर करने में 3 साल का वक्त लगा। सरकार को फैसला लेने से पहले कानूनी सलाह लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।’ उन्होंने कहा, लेकिन यदि सरकार 3 महीने में कोई फैसला नहीं ले पाती है तो, इसे मुकदमे के लिए मंजूरी मिली मान लिया जाएगा। दिल्ली पुलिस ने 14 जनवरी को इस संबंध में आरोपपत्र दायर किया था। मामला 2016 में JNU परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में देश-विरोधी नारे लगाने से जुड़ा है।
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