नई दिल्ली। कोर्ट ने निर्भया के दोषियों को फांसी देने के लिए फ्रेश डेथ वॉरन्ट जारी किया है। अब दोषियों को 1 फरवरी सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी। इससे पहले तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत से निर्भया मामले के चारों दोषियों के खिलाफ मौत की सजा पर अमल का फरमान (डेथ वॉरंट) फिर से जारी करने की शुक्रवार को मांग की थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने जेल प्रशासन से कहा था कि वह अदालत को शाम साढ़े चार बजे तक यह बताएं कि निर्भया मामले के चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार सिंह को यह सूचित किया गया है या नहीं कि राष्ट्रपति ने उसकी दया याचिका अस्वीकार कर दी है।
लोक अभियोजक इरफान अहमद ने अदालत को बताया कि मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अस्वीकार कर दी है। अदालत मामले में मौत की सजा पाए मुकेश कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें उसने फांसी देने के लिए तय 22 जनवरी की तारीख टालने का अनुरोध किया था। पराचिकित्सा की 23 वर्षीय छात्रा के साथ 16 दिसंबर 2012 में बर्बर सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी। छात्रा की 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के अस्पताल में मौत हो गई थी।
हालांकि निर्भया के 3 दोषियों के पास अभी भी दया याचिका का विकल्प खुला हुआ है और नियमों के मुताबिक दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद ही फांसी की सजा दी जा सकती है। एक दोषी की दया याचिका खारिज हो चुकी है और उसके 14 दिन 31 जनवरी को खत्म होंगे। इस बीच अगर अन्य दोषी अगर राष्ट्रपति के सामने नई दया याचिका दाखिल करते हैं तो उनकी फांसी की तारीख टलने और अलग से डेथ वारंट जारी किए जाने की संभावना से अभी इनकार नहीं किया जा सकता।