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कारगिल के 20 साल: जानिए परमवीर चक्र विजेता राइफलमैन संजय कुमार ने कैसे किया था दुश्मनों का सफाया

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से भारतीय सेना में भर्ती हुए राइफलमैन (अब सूबेदार) संजय कुमार ने कारगिल की लड़ाई के दौरान संजय कुमार ने जिस साहस और बहादुरी से दुश्मन का खात्मा किया उसकी मिसाल दी जाती है

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 26, 2019 11:38 IST
20 Years of Kargil War: Know how Rifleman Sanjay Kumar captures Flat Top of point 4875 - India TV Hindi
Image Source : INDIA TV 20 Years of Kargil War: Know how Rifleman Sanjay Kumar captures Flat Top of point 4875 of Mushkoh Vally

26 जुलाई 2019 को कारगिल में हुए ऑपरेशन विजय को 20 साल पूरे हो गए हैं। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में कारगिल की पहाड़ियों से दुश्मन को जिस साहस के साथ खदेड़ा था, दुश्मन देश के सैनिकों के जहन में आज भी उस साहस का डर बैठा हुआ है। यूं तो कारगिल में ऑपरेशन विजय में योगदान देने वाला हर सैनिक भारत का हीरो है लेकिन एक हीरो ऐसा है जिसे भारतीय सेना के सर्वोच्च सम्मान परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। कारगिल की लड़ाई के दौरान 4 बहादुरों को परम वीर चक्र के सम्मानित किया गया है, लेकिन चारों वीर सैनिकों में इस सम्मान को खुद अपने हाथों से प्राप्त करने वाले वे एक मात्र सैनिक हैं और उनका नाम है राइफलमैन संजय कुमार

हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले से भारतीय सेना में भर्ती हुए राइफलमैन (अब सूबेदार) संजय कुमार ने कारगिल की लड़ाई के दौरान संजय कुमार ने जिस साहस और बहादुरी से दुश्मन का खात्मा किया उसकी मिसाल दी जाती है।

कारगिल की लड़ाई के दौरान 4 जुलाई 1999 को राइफलमैन संजय कुमार को मश्कोह घाटी में पॉइंट 4875 के फ्लैट टॉप क्षेत्र पर कब्जा करने के लिए भेजा गया था। उस समय संजय कुमार आक्रमण दस्ते के अग्रिम स्काउट के रूप में कार्य करन के लिए अपनी इच्छा से आगे आए।

आक्रमण के दौरान जब दुश्मन ने एक संगर से गोलीबारी करते हुए संजय कुमार की अगुवाई वाले दस्ते को रोक दिया तो स्थिति की गंभीरता को देखते हुए संजय कुमार ने अपनी जान की परवाह किए बिना अदम्य साहस दिखाते हुए दुश्मन के संगर पर धावा बोल दिया। आमने-सामने की इस लड़ाई में संजय कुमार ने दुश्मन के 3 घुसपैठियों को मार गिराया, लेकिन खुद भी घायल हो गए।

अपने घावों की परवाह किए बिना उन्होंने दुश्मन के दूसरे संगर पर धावा बोल दिया जिससे दुश्मन भौचक्का रह गया और घुसपैठिए एक यूनीवर्सल मशीनगन छोड़कर भागने लगे। राइफलमैन संजय कुमार ने यह मशीनगन संभाली और भागते हुए दुश्मन को मार गिराया। अपने जख्मों भारी खून बहने के बावजूद उन्होंने वहां से हटाए जाने से इनकार कर दिया। उनके इस साहस से उनके साथियों को प्रेरणा मिली और उन्होंने विषम परिस्थितियों की परवाह नहीं करते हुए दुश्मन पर आक्रमण कर दिया और उनके कब्जे से फ्लैट टॉप क्षेत्र छीन लिया।

राइफलमैन संजय कुमार के इस साहस को देखते हुए भारतीय सेना ने उन्हें अपने सर्वोच्च सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया। इंडिया टीवी भारत के इस वीर योद्धा को प्रणाम करता है।

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