नई दिल्ली: मुंबई में 12 मार्च, 1993 को हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में शुक्रवार को विशेष टाडा अदालत ने अबू सलेम समेत छह आरोपियों को दोषी माना है जबकि अब्दुल कयूम को अदालत ने निर्दोष माना है। विशेष टाडा अदालत 19 जून को सभी छह आरोपियों को सजा सुनाएगी। विशेष टाडा अदालत ने शुक्रवार को अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, ताहिर मर्चेंट, करीमुल्लाह खान और रियाज सिद्दीकी को दोषी माना है।
गैंगस्टर अबू सलेम को पुर्तगाल से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया था। पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि होने के कारण कोर्ट सलेम को फांसी या आजीवन कारावास की सजा नहीं दे सकती है। उसे अधिकतम 25 साल तक की सजा दी जा सकती है। इसलिए अभी फांसी की सजा पर सवालिया निशान लगा है। अबू सलेम के साथ मुस्तफा दौसा, करीमुल्ला खान, फिरोज अब्दुल रशीद खान, रियाज सिद्दीकी, ताहिर मर्चेंट को दोषी करार दिया गया है और अब्दुल कयूम को बरी किया गया है। इन धमाकों में 257 लोग मारे गए थे। 713 गंभीर रूप से घायल हुए थे।
वर्ष 2007 में पूरी हुए सुनवाई के पहले चरण में टाडा अदालत ने इस मामले में सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था जबकि 23 लोग बरी हुए थे। अबू सलेम पर गुजरात से मुंबई हथियार ले जाने का आरोप है। सलेम ने अवैध रूप से हथियार रखने के आरोपी अभिनेता संजय दत्त को एके 56 राइफलें, 250 कारतूस और कुछ हथगोले 16 जनवरी 1993 को उनके आवास पर उन्हें सौंपे थे। दो दिन बाद 18 जनवरी 1993 को सलेम तथा दो अन्य दत्त के घर गये और वहां से दो राइफलें तथा कुछ गोलियां लेकर वापस आए थे।
जानिए, क्या था मामला
12 मार्च, 1993 को मुंबई में एक के बाद एक 12 बम धमाके हुए थे। बम धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। बताया जाता है कि धमाकों में 27 करोड़ रुपये संपत्ति नष्ट हुई थी।इस मामले में 129 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था।
साल 2007 में टाडा कोर्ट ने 100 लोगों को सजा सुनाई. इसी मामले में याकूब मेमन को 2015 में फांसी हुई थी।ब्लास्ट से जुड़े एक अन्य मामले में ही फिल्म अभिनेता संजय दत्त अवैध हथियार रखने के दोषी पाए गए और उन्हें टाडा कोर्ट ने पांच साल की सजा सुनाई थी। वहीं ब्लास्ट का मास्टरमाइंड दाऊद इब्राहिम 1995 से फरार है।