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1993 मुंबई ब्लास्ट: आज है फैसले की घड़ी, देखें बीते 24 साल में क्या-क्या हुआ

मुख्य रूप से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, सेंटूर होटल, झावेरी बाजार, एअर इंडिया बिल्डिंग, कत्था बाजार में धमाके किए गए थे। इन विस्फोटों के पीछे आतंकियों का उद्देश्य बड़ी संख्या में जान-माल को नुकसान पहुंचाना था।

Written by: India TV News Desk
Published on: September 07, 2017 9:22 IST
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नई दिल्ली: 1993 मुंबई बम ब्लास्ट मामले में आज 24 साल बाद अंतिम फैसला आयेगा। 24 साल पहले हुए 12 सीरियल ब्लास्ट के एक मास्टर माइंड मुस्तफ़ा दौसा की फैसले से पहले ही मौत हो चुकी है। 16 जून 2017 को कोर्ट ने इस केस में अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, उसके भाई मोहम्मद दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, मर्चेंट ताहिर और करीमुल्लाह शेख को दोषी करार दिया था। 12 मार्च 1993 को आतंकियों ने मुंबई में सिलसिलेवार बम विस्फोट किए थे, जिसमें 257 लोगों की मौत हुई थी और 800 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे। उस दिन आतंकियों ने शहर के अलग-अलग इलाकों में श्रृंखलाबद्ध 12 विस्फोट किए थे। ये भी पढ़ें: वायरल सच: राम रहीम ने रोका भारत-चीन युद्ध? जानें बाबा के ‘सुपर पावर’ का सच

आतंकियों ने पहली बार देश में सिलसिलेवार धमाके किए थे। मुख्य रूप से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, सेंटूर होटल, झावेरी बाजार, एअर इंडिया बिल्डिंग, कत्था बाजार में धमाके किए गए थे। इन विस्फोटों के पीछे आतंकियों का उद्देश्य बड़ी संख्या में जान-माल को नुकसान पहुंचाना था।

आइए हम आपको बताते हैं कैसे घटनाक्रम आगे बढ़ा है इस मामले में.....

12 मार्च 1993: सिलसिलेवार 12 जगहों पर हुए धमाकों में 257 लोग मारे गए जबकि 713 लोग घायल हुए। बॉम्बे स्टॉक एक्सेंज की 28-मंज़िला इमारत की बेसमेंट में दोपहर 1.30 बजे धमाका हुआ जिसमें लगभग 50 लोग मारे गए थे। इसके आधे घंटे बाद एक कार धमाका हुआ और अगले दो घंटे से कम समय में कुल 13 धमाके हो चुके थे।

19 अप्रैल 1993: जांच एजेंसियों ने संजय दत्त को AK-56 रखने पर गिरफ्तार किया। एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया था कि बम धमाकों से पहले हथियारों की खेप भारत लायी गई थी, जिसके तहत संजय दत्त के पास से ये हथियार मिला।

26 अप्रैल 1993: मुंबई में टाडा की विशेष अदालत में संजय दत्त ने AK-56 रखने की बात कबूली।

3 मई 1993: संजय दत्त को कोर्ट से जमानत मिल गई।

4 नवंबर 1993: 10,000 पन्ने की 189 लोगों के खिलाफ प्रार्थमिक चार्जशीट दायर की गई

19 नवंबर 1993: मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया।

4 जुलाई 1994: संजय दत्त की जमानत रद्द, दोबारा हुई गिरफ्तारी। कोर्ट ने उनके जुर्म को गंभीर करार दिया। इसके बाद संजय दत्त 18 महीने जेल में रहे।

19 अप्रैल 1995: मुंबई की टाडा अदालत में इस मामले की सुनवाई आरंभ हुई। अगले दो महीनों में अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय किए गए।

अगली स्लाइड में पढ़ें मुंबई ब्लास्ट में आगे क्या हुआ.....

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