नई दिल्ली: आज सेना के सूत्रों से PoK यानि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर का एक नक्शा मिला है। इस नक्शे में साफ-साफ दिखता है कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने पीओके में फिर से कहां-कहां और कितने नए ट्रेनिंग कैंप बनाए हैं। ये नक्शा हमारे चैनल इंडिया टीवी के पास है।
(देश-विदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें)
इंडिया टीवी को सेना सूत्रों से मिला नक्शा
पिछले साल 28 सितंबर की आधी रात को हुए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने पीओके में 18 नए ट्रेनिंग कैंप बनाए हैं। टैरर कैंप के साथ-साथ LoC से सटे इलाकों में नए लॉन्च पैड भी तैयार किए गए हैं। पता चला है कि 18 ट्रेनिंग कैंप के साथ साथ पाकिस्तान ने 27 नए टेरर लॉन्च पैड बनाए हैं। ट्रेनिंग कैंप में आतंकवादी तैयार किए जाते हैं और लॉन्च पैड एक तरह से वेटिंग एरिया होता है यहां से आतंकवादियों घुसपैठ की तैयारी करते हैं।
ये भी पढ़ें
- 'दलाई लामा हमारे दोस्त है, चीन कौन होता है दखल देने वाला'
- पाक ने ‘दंगल’ से हटाने को कहा तिरंगा और राष्ट्रगान, तो आमिर ने दिया ये जवाब
आर्मी के पास PoK में आतंकी अड्डों का पूरा पता मौजूद
पिछले साल सितंबर महीने में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद अब पाकिस्तान ने नई जगहों, नए शहरों में टेरर कैंप बनाए हैं। नए रास्ते पर आतंकवादियों के ठहरने और प्रैक्टिस करने का इंतजाम किया गया है। आतंकवादियों के इन नए ठिकानों के बारे में देश की सुरक्षा एजेंसियां पिछले कुछ महीने से पता करने की कोशिश कर रही थीं अब Specific जानकारी मिल गई है कि आतंकवादियों के अड्डे कहां हैं, ट्रेनिंग कहां होती है और वो घुसपैठ से पहले कहां रुकते हैं। यहां ज्यादातर कैंप पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद के पास बनाए गए हैं।
PoK में बने हैं 18 नए आतंकवादी कैंप
एलओसी से सटे पीओके के इलाके के बीचों बीच में सबसे अहम टैरर कैंप है गढ़ी दुपट्टा का इसके बाद नंबर आता है सफेदा का, तीसरे नंबर पर है हलानशुमाली, चौथे पर आलियाबाद और फिर कहूटा। एलओसी में पीओके की तरफ बनाए गए ये पांच लांचिंग पैड बेहद अहम माने जाते हैं। इन पांच लांचिग पैड से सबसे ज्यादा आतंकवादी, भारतीय सीमा में दाखिल कराए जाते हैं। यही वो लांचिंग पैड हैं जिनको पाकिस्तानी सेना कवर फायर देती है इन लांचिंग पैड को तीन बडे टैरर कैंप सपोर्ट करते हैं।
अटारशिशा..एबोटाबाद..तरबीला इन तीन जगहों पर बनाए गए कैंप बड़े आतंकवादी कैंप माने जाते हैं यहां सबसे ज्यादा तादात में युवाओं को लाया जाता है और उन्हें हथियार चलाना सीखाया जाता है। इन्ही कैंप्स में पाकिस्तान के एक्स आर्मी पर्सन और आईएसआई के लोग आतंकवादियों को ट्रेनिंग देते हैं। इन ट्रैनिंग कैंप में ही आतंकवादियों को हथियार मुहैया करा दिए जाते हैं। छह से आठ महीने की ट्रेनिंग के बाद आतंकवादियों को फारवर्ड लाइन यानी लांच पैड पर भेज दिया जाता है। जैसे ही सीमा पार भारतीय जवानों की पेट्रोलिंग में कमी नजर आती है वैसे ही आतंकवादियों को एलओसी पार करवा दी जाती है।
पाकिस्तान ने आबादी वाले इलाकों में बनाए हैं ट्रेनिंग कैंप्स
पाकिस्तान ने अब सरहद के आसपास के इलाकों से हटाकर आतंकवादियों के ट्रेनिंग कैंप्स आबादी वाले इलाकों में बनाए हैं। पाकिस्तान ये सोचता है कि आबादी वाले इलाकों में सर्जिकल स्ट्राइक आसान नहीं होगी। इस नक्शे से आतंकवादियों के नए ट्रेनिंग कैंप्स और लॉच पैड्स से ये तो साफ हो गया कि पाकिस्तान सुधरा नहीं हैं और सुधरेगा भी नहीं। एक सर्जिकल स्ट्राइक के बाद आतंकवादी कैप्स खत्म हुए थे वो फिर बन गए। फिर आतंकवादी लॉंचिंग पैड्स पर पहुंच गए मतलब एक बार फिर पहले से ज्यादा बड़ी सर्जरी की जरूरत है।