रांची: झारखंड सरकार ने सोमवार को राज्य के 18 जिलों के 129 प्रखंडों को सूखा-प्रभावित घोषित कर दिया और तत्काल सहायता के लिए 49 करोड़ रुपये जारी किए। रघुबर दास सरकार द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के बाद आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि सहायता के संबंध में इस बाबत केंद्र सरकार को सूचित कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, "पीने के पानी, पशुओं के चारा और किसानों की मदद के उद्देश्य से 49 करोड़ रुपये प्रभावित राज्यों में भेज दिए गए हैं।" मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने अक्टूबर में एक बैठक का आयोजन किया था, जिसके बाद ये सर्वेक्षण कराया गया। डाटा के अनुसार, झारखंड में 2018 में 72 प्रतिशत की औसत बारिश हुई। हालांकि, कुछ जगहों में 50 प्रतिशत से कम बारिश हुई। इससे सबसे ज्यादा प्रभावित पाकुड़ और कोडरमा है।
रांची, खूंटी, गुमला, गढ़वा, लातेहार, दुमका, जामतारा, देवघर और अन्य जिलों में 50 प्रतिशत से ज्यादा, लेकिन 75 प्रतिशत से कम बारिश हुई। बारिश में कमी की वजह से धान की बुआई प्रभावित हुई है। अधिकारी के अनुसार, राज्य में धान की बुआई 18 लाख हेक्टेयर भूमि पर होती है। इस वर्ष हालांकि बुआई केवल 15.27 लाख हेक्टेयर भूमि पर ही हुई है।
राज्य में औसत बारिश की दर 1,027.7 मिलीमीटर है, लेकिन 2018 में यहां केवल 741.9 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। अधिकारी ने कहा, "झारखंड में अगस्त और सितंबर माह में सामान्य बारिश क्रमश: 276.2 मिलीमीटर और 235.5 मिलीमीटर होती है, लेकिन इस बार केवल 213.2 मिलीमीटर और 133.6 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। सिंतबर में बारिश की कमी से फसलों को नुकसान पहुंचा है।"