नई दिल्ली। देश में 16वीं जनगणना शुरू होने जा रही है, मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट ने 16वीं जनगणना को मंजूरी दे दी है। जनगणना के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अप्रैल 2020 से सितंबर 2020 के दौरान मैपिंग का कार्य पूरा किया जाएगा और इस बार जनगणना में किसी तरह के कागज का इस्तेमाल नहीं होगा बल्कि पूरी जनगणना मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए की जाएगी। प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी बताया कि जनगणना के दौरान नो तो किसी तरह का दस्तावेज दिखाना होगा और न ही बायोमेट्रिक्स लिए जाएंगे, उन्होंने बताया कि जनगणना में देश के नागरिक अपने बारे में जो जानकारी देंगे उसे ही सच माना जाएगा।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि अप्रैल से सितंबर में हर घर को लिस्ट किया जाएगा और फरवरी 2021 में हर व्यक्ति की गिनती की जाएगी। भारत में अभी ब्रिटिश जमाने से जनगणना हो रही है, आजादी से पहले 8 हुए थे और आजादी के बाद 7 हुए और अब आठवीं जनगणना होने जा रही है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि लाखों लोग घरघर जाकर जनगणना करेंगे।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) पर जानकारी देते हुए प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि NPR पहले 2010 में यूपीए सरकार में शुरू हुआ और सारे लोगों का एक रजिस्टर बना और उसके कार्ड पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वितरित किए थे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 2015 में NPR का अपडेशन हुआ, जनगणना और नेशनल पॉपूलेशन रजिस्टर को सभी राज्यों ने स्वीकर किया है और सभी ने इसको लेकर अधिसूचना जारी की है और सभी राज्यों में इसको लेकर कर्मचारियों के प्रशिक्षण का काम चल रहा है।