शिमला: हिमाचल प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के फिलहाल जो 18 सक्रिय मामले हैं, उनमें से 16 दिल्ली के निजामुद्दीन में पिछले महीने आयोजित तबलीगी जमात कार्यक्रम से जुड़े हैं। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि वे या तो जमात सदस्य हैं या उनके संपर्क में आये व्यक्ति हैं। बाकी दो सोलन के बद्दी के एक निजी अस्पताल के पैरामेडिकल कर्मी हैं। अधिकारियों ने कहा कि वे दिल्ली निवासी 70 वर्षीय महिला के संपर्क में आए थे, जो पिछले महीने बद्दी में एक गेस्ट हाउस में रुकी थी और उसकी दो अप्रैल को चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर में कोविड-19 से मौत हो गई थी।
अधिकारियों के अनुसार, राज्य में अभी तक 33 मामले सामने आये हैं, जिनमें से नौ ठीक हो गए हैं जबकि चार को उनकी इच्छा के अनुसार राज्य के बाहर स्थित एक निजी अस्पताल स्थानांतरित कर दिया गया था। राज्य में दो व्यक्तियों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है। इस बीच, पुलिस अधीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) के शर्मा ने कहा कि राज्य में अब तक कुल 845 जमात सदस्यों और उनके संपर्क में आये व्यक्तियों की पहचान की गई है और उन्हें पृथक किया गया है।
उन्होंने कहा कि 380 लोग जमात के सदस्य हैं जबकि 465 उनसे संपर्क में आये व्यक्ति हैं। पुलिस अधीक्षक ने आंकड़ा प्रदान करते हुए कहा कि कर्फ्यू उल्लंघन और जानबूझकर यात्रा की जानकारी छुपाने के लिए तबलीगी जमात के 105 सदस्यों के खिलाफ अब तक 29 प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि पुलिस ने अभी तक, कर्फ्यू और लॉकडाउन उल्लंघन के लिए 621 लोगों की गिरफ्तारी के साथ 721 प्राथमिकी दर्ज की हैं। उन्होंने कहा कि 523 वाहनों को जब्त किया गया है।
इस बीच हिमाचल प्रदेश के डीजीपी सीताराम मरडी ने रविवार को लोगों को घर पर अनिवार्य रूप से पृथक रहने का उल्लंघन करने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोगों को प्रशासन द्वारा स्थापित पृथक इकाइयों में भेजा जाएगा। डीजीपी ने कोरोना वायरस प्रकोप के बीच रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि यह उनके संज्ञान में आया है कि कई लोगों ने ‘‘घर पर पृथक’’ रहने का उल्लंघन किया है। डीजीपी ने कहा कि राज्य में अभी तक कोरोना वायरस के नौ मरीजों को ठीक होने के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी गई है।