नई दिल्ली: ऊपरी असम के जोरहाट मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (जेएमसीएच) में एक से छह नवंबर के बीच कम से कम 15 नवजात की मौत हो चुकी है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जांच के लिए एक टीम अस्पताल भेजी है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। अस्पताल प्रशासन ने भी इस मामले की जांच के लिए एक समिति गठित की है।
जेएमसीएच के अधीक्षक सौरभ बोरकाकोटी के अनुसार नवजात विशेष देखरेख इकाई में एक-छह नवंबर के बीच 15 नवजात बच्चों की मौत हुई है। बोरकाकोटी ने दावा किया कि यह मौत चिकित्सीय या अस्पताल की लापरवाही से नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘ कभी-कभी अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या ज्यादा होती है इसलिए मरनेवाले नवजात की संख्या ज्यादा हो सकती है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि मरीज को किस अवस्था में अस्पताल लाया गया। हो सकता है कि लंबे समय तक दर्द करने के बाद गर्भवती महिला को यहां लाया गया हो या बच्चे का वजन कम हो। इन परिस्थितियों में नवजात की मौत होती है।'' बोरकाकोटी ने बताया कि अस्पताल ने इन मौतों की जांच के लिए छह सदस्यों वाली एक समिति का गठन किया है।
वहीं अस्पताल में नवजात शिशुओं की मौत पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि सरकार ने जोरहाट में एक टीम भेजी है। इस टीम में यूनीसेफ के सदस्य भी शामिल हैं जो इस मामले की गहराई से जांच करेंगे और रिपोर्ट देंगे।