चेन्नई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने तमिलनाडु में आतंकवादी संगठन ‘अंसारूल्ला’ गठित करने का कथित प्रयास करने को लेकर 14 लोगों को गिरफ्तार किया है जिन्हें हाल ही में सऊदी अरब ने भारत को सौंपा था। अदालत के अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इन 14 आरोपियों को विशेष विमान से चेन्नई लाया गया जहां उन्हें पूनमाली में विशेष न्यायाधीश सेंथूर पांडियन की विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया। अधिकारियों के अनुसार एनआईए की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने सभी आरोपियों को 25 जुलाई तक उसकी हिरासत में भेज दिया।
उनके मुताबिक आरोप है कि ये सभी तमिलनाडु में आतंकवादी संगठन अंसारूल्ला गठित करने के लिए धन इकट्ठा कर रहे थे। समझा जाता है कि हाल ही में उन्हें सऊदी अरब से प्रत्यर्पित किया गया था। एनआईए ने कहा था कि उसने शनिवार को इसी मामले में दो व्यक्तियों- हसन अली और हरीश मोहम्मद को गिरफ्तार किया था। उसने कहा था कि उसने एक आतंकी गिरोह का भंडाफोड़ किया जिसने देश में इस्लामिक शासन स्थापित करने के इरादे से आतंकवादी हमला करने की कथित रूप से साजिश रची एवं इसके लिए धन की व्यवस्था की और अन्य तैयारी की। उसने इस सिलसिले में चेन्नई और नागपट्टिनम जिले में तीन आरोपियों के परिसरों पर छापेमारी की।
एनआईए ने एक विज्ञप्ति में कहा कि ऐसी विश्वसनीय सूचना मिली थी कि भारत और उसके बाहर रहकर आरोपियों ने आतंकवादी गिरोह अंसारूल्ला बनाकर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रची और उसकी तैयारी की। उसने कहा कि चेन्नई के निवासी (आरोपी नंबर 1) सैयद बुखारी (तमिलनाडु अंसारूल्ला मामले), नागपट्टिनम के हसन अली युनुसमारिकार (आरोपी नंबर 2) और मोहम्मद युसुफूद्दीन हरीश मोहम्मद (आरोपी नंबर 3) के खिलाफ नौ जुलाई, 2019 को मामला दर्ज किया गया। उन पर आपराधिक साजिश, भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत भादंसं की विभिन्न धाराओं तथा अवैध गतिविधि रोकथाम अधिनियम के तहत आतंकवाद संबंधी धाराएं लगायी गयी। तलाशी के दौरान 15 सिमकार्ड, सात मेमोरी कार्ड, तीन लैपटॉप, पांच हार्डडिस्क, छह पेन ड्राइवर, दो टेबलेट, तीन सीडी/डीवीडी, दस्तावेज, मैगजीन, बैनर, नोटिस, पोस्टर और पुस्तकें बरामद की गयीं।