चंडीगढ़: हरियाणा के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने शुक्रवार को कहा कि पुलिस ने अब तक तबलीगी जमात के 1,300 से अधिक सदस्यों का पता लगाया है, जो दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद पिछले महीने राज्य में पहुंचे थे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि तबलीगी जमात के ये सदस्य 25 मार्च को लागू किये गये लॉकडाउन से पहले ही यहां आ गये थे। डीजीपी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ जब ये लोग हरियाणा पहुंचे थे, तब कोई पाबंदी नहीं थी। मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि कोई भी 25 मार्च के बाद नहीं आया। ’’
वीडियो लिंक के माध्यम से हुए इस संवाददाता सम्मेलन में यादव के साथ हरियाणा के अवर मुख्य सचिव (गृह) विजय वर्धन, अवर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) राजीव अरोड़ा भी थे। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि 107 विदेशियों समेत सभी 1,305 लोग लॉकडाउन लागू किए जाने से पहले राज्य में पहुंचे थे। इनमें से ज्यादातर 14, 17 और 20 मार्च को राज्य में आये थे। उन्होंने एक बयान में कहा कि उनमें से अब तक आठ लोग कोविड-19 से संक्रमित पाये गये हैं। इन आठ संक्रमित लोगों में तीन-तीन लोग पलवल और नूह में और दो अंबाला में हैं। अकेले नूह जिले में तबलीगी जमात के 636 सदस्यों का पता चला है जिनमें से 57 विदेशी भी शामिल हैं। सभी 1,305 लोग राज्य के 15 जिलों में मिले हैं।
पुलिस के अनुसार जमात के विदेशी सदस्यों का पलवल, फरीदाबाद, पानीपत, अंबाला और नूह में पता चला। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि ये विदेशी इंडोनेशिया, फिलीपिन, नेपाल बांग्लादेश, श्रीलंका और थाईलैंड के हैं। पुलिस के अनुसार इन सभी विदेशियों को पृथक वास में रख दिया गया है और पुलिस ने उनके पासपोर्ट ले लिये हैं। यादव के अनुसार भादंसं और विदेशी (नागरिक) अधिनियम की संबद्ध धाराओं के तहत पांच अलग-अलग प्राथमिकियां दर्ज की गयी है। उन्होंने कहा कि यदि जांच के दौरान दिशानिर्देशों के उल्लंघन के अन्य मामले सामने आते हैं तो पहले से दर्ज प्राथमिकियों में आरोप जोड़े जायेंगे। प्रशासन ने कहा कि राज्य में जमात के करीब 1,200 सदस्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु और असम जैसे राज्यों से हैं। ये लोग बाहर से हरियाणा आये थे।
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि जमात के 266 सदस्य हरियाणा के निवासी हैं जो विभिन्न राज्यों से घूम कर लौटे हैं। कुछ के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की आशंका है इसलिए उन्हें पृथक वास में रखा गया है। उन्होंने कहा कि उनमें से ज्यादातर लोग गुड़गांव, यमुनानगर, पानीपत, नूह, सोनीपत, जींद और पलवल के हैं। अवर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) से जब निजामुद्दीन कार्यक्रम का हिस्सा रहे 60-70 लोगों को झज्जर जिले में बदसा स्थित एम्स में भर्ती कराये जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,‘‘ जहां तक बदसा के राष्ट्रीय कैंसर संस्थान की बात है तो उसे केंद्र द्वारा कोविड-19 अस्पताल घोषित किया गया । यह दिल्ली एम्स का उप-केंद्र भी है तथा वह सीधे केंद्र के अंतर्गत आता है।’’ उन्होंने कहा कि वहां किसे भर्ती कराया गया है, इस बारे में केवल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ही बता सकता है।