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केरल में कोरोना वायरस के 13,049 नए मामले सामने आए, 105 और मरीजों की मौत

केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 105 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या 17,852 पर पहुंच गई। राज्य सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि इसके अलावा महामारी के 13,049 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 35,65,574 हो गए।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : August 09, 2021 19:57 IST
13,049 fresh COVID-19 cases, 105 more deaths in Kerala
Image Source : PTI केरल में सोमवार को कोरोना वायरस से 105 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या 17,852 पर पहुंच गई।

तिरुवनंतपुरम: केरल में सोमवार को कोरोना वायरस संक्रमण से 105 और लोगों की मौत हो गई, जिससे मृतकों की संख्या 17,852 पर पहुंच गई। राज्य सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि इसके अलावा महामारी के 13,049 नए मामले सामने आए, जिसके बाद कुल मामले बढ़कर 35,65,574 हो गए। विज्ञप्ति के मुताबिक, राज्य में अब तक 33,77,691 लोग ठीक हो चुके हैं और अभी 1,69,512 मरीज उपचाराधीन हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, केरल में संक्रमण की दर 13.23 प्रतिशत है और वर्तमान में विभिन्न जिलों में 4,86,836 लोग निगरानी में हैं।

इस बीच केरल सरकार द्वारा कोविड-19 से बचाव के लिए कम से कम एक वैक्सीन लेने पर ही घर से बाहर निकलने संबंधी दिशानिर्देश के खिलाफ एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका पर अदालत ने नोटिस जारी कर राज्य सरकार को अपने रुख से अवगत कराने का निर्देश दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि दवा से एलर्जी होने की वजह से उसने वैक्सीन नहीं लगवाया है और नया नियम उसे एक प्रकार से नजरबंद करने जैसा है। 

न्यायमूर्ति पीबी सुरेश कुमार ने राज्य सरकार की ओर से पेश अधविक्ता को यह निर्देश लेने के लिए कहा कि मामले में क्या किया जा सकता है क्योंकि याचिकाकर्ता का दावा है कि वह अकेले रहता है और किराना सामान सहित आवश्यक सामग्री खरीदने में उसकी मदद करने के लिए कोई नहीं है। अदालत ने इसके साथ ही इस मामले को मंगलवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। 

अदालत शुरुआत में इस मामले को अन्य याचिकाओं के साथ सुनवाई के लिए ले रही थी, जिनमें राज्य सरकार के चार अगस्त के दिशानिर्देश को चुनौती दी गई है, लेकिन याचिकाकर्ता के वकील ने जब बताया कि उनका मुवक्किल अकेले रहता है तो अदालत ने इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई का फैसला किया। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि वह दवा की एलर्जी से ग्रस्त है और इसलिए देश में उपलब्ध कोविड-19 के दो वैक्सीन में से किसी वैक्सीन की एक भी खुराक नहीं ली है। 

उसने अदालत से अनुरोध किया है कि वह राज्य प्रशासक को निर्देश दे कि वे उसपर टीके की जांच करे ताकि आकलन किया जा सके कि उन्हें इससे एलर्जी है या नहीं। याचिका में राज्य सरकार के उस नियम को भी रद्द करने का अनुरोध किया गया है, जिसके मुताबिक दो सप्ताह पहले कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लेने वालों, अधिकतम 72 घंटे पहले कराई गई आरटी-पीसीआर जांच में निगेटिव आने या एक महीना पहले कोविड पॉजिटिव आने की रिर्पोट होने पर ही लोगों को दुकान, बाजार, बैंक, सार्वजनिक और निजी कार्यालयों आदि में जाने की अनुमति दी जाएगी।

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