नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दिल्ली में आयोजित 11वें सिविल सेवा दिवस के एक कार्यक्रम में नौकरशाहों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे फौजी कश्मीर में बाढ़ आने पर लोगों की जान बचाते हैं, लोग उनके लिए तालियां बजाते हैं लेकिन बाद में हमारे फौजी पत्थर भी खाते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सभी को आत्मचिंतन करना चाहिए, इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि 20 साल पहले और आज के हालात में काफी अंतर है। मोदी ने कहा कि अफसरों को शक्ति का एहसास होना चाहिए। (ये हैं भारत की महिला राजनेता जो अपने ग्लैमरस लुक के लिये भी हैं )
उन्होंने कहा, नौकरशाही के सामने कई चुनौतियां हैं। चुनौतियाेें को अवसरों में बदलना होगा। मुझे अफसरों की जिम्मेदारी का पता है। नौकरशाही को सरकार को रहते दबाव महसूस नहीं होना चाहिए। पिछले 20 सालों में काफी बदलाव आया है। पीएम मोदी ने कहा, मैं चाहता हूं कि एक साल में गुणवत्तापूर्ण बदलाव होना चाहिए। अगर एक्सीलेंसी का ठप्पा नौकरशाही के साथ लगा है तो काम भी उम्दा करना होगा।
मोदी बोले, अब चीजों को बदलने का मौका आ गया है, क्या आप इसे अपनाते हैं। मैं समझता हूं कि हायरैरिकी का बोझ अंग्रेजों के जमाने से है लेकिन हम आज भी अनुभव का बोझ नए लोगों पर ट्रांसफर करते जा रहे हैं। सीनियर सोचें कि कहीं अनुभव का बोझ नई चुनौतियों के आगे रुकावट तो नहीं बन रहा है।
मोदी ने कहा, मैं सोशल मीडिया की ताकत को पहचानने वाला इंसान हूं। अगर मैं सोशल मीडिया के द्वारा सरकारी योजना का प्रचार करता हूं तो ये बेहतर प्रयोग होगा लेकिन अगर मैं अपनी फोटो खुद को प्रचारित करने के लिए लगाता हूं तो ये अनामिका का दुरुपयोग है।
दो दिवसीय सिविल सेवा दिवस समारोह गुरुवार को शुरु हुआ था। प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार प्राथमिक तौर पर पांच प्रमुख कार्यक्रमों प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट और स्टैंडअप इंडिया, स्टार्टअप इंडिया के क्रियान्वयन में उत्कृष्टता पर आधारित हैं। इसके अलावा पर्यावरण संरक्षण, आपदा प्रबंधन, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास आदि क्षेत्रों में इनोवेटिवन कामों के लिए भी पुरस्कार दिए गए।
ये भी पढ़ें: कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए रिकॉर्ड आवेदन, जानिए कितना खर्च आता है इस यात्रा में
इस गांव में शादी से पहले संबंध बनाना है जरूरी, तभी होती है शादी!