नई दिल्ली। केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) ने मंगलवाल को बताया कि इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में कुल 112 आतंकवादी मारे गए हैं और 135 पकड़े गए हैं जबकि केवल 2 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसके साथ ही इस साल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में कुल 13 माओवादी मारे गए, 603 पकड़े गए और 486 ने आत्मसमर्पण किया है। हाल के दिनों में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों ने टार्गेट किलिंग के जरिये लोगों में दहशत फैलाना शुरू कर दी है। रिपोर्ट के मुताबिक घाटी में आतंक का साया फिर से लौट आया है। बीते कुछ दिनों में जम्मू कश्मीर में सिखों, हिंदुओं, भाजपा नेताओं सहित आम नागरिकों की हत्या हुई है।
ताजा घटनाओं के अनुसार पिछले 24 घंटे में घाटी के अलग-अलग हिस्सों में दो आकंकी घटनाएं हुई, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गयी। बीते सोमवार शाम श्रीनगर के बोहरी कदल इलाके में एक दुकान के बाहर आतंकि घटना हुई जिसमें एक की मौत हो गयी। बीते सोमवार को अपनी जान गंवाने वाले इब्राहिम अष्टंगी बांदीपोरा में रहते थे। वे एक कश्मीरी पंडित डॉ. संदीप मावा की दुकान में सेल्समैन थे।
एक साल के अंदर आतंकवादियों ने 27 बेगुनाहों की जान ली
कुछ दिन पहले ही आतंकियों ने एक स्कूल में घुसकर प्रिंसपल सहित 2 टीचर्स को गोली मारकर हत्या कर दी थी। कश्मीर में रोजाना आतंक से जुड़ी घटनाएं सामने आ रही हैं वहीं आतंकियों के हाथों मरने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल के अंदर आतंकवादियों ने 27 बेगुनाहों की जान ली है। इनमें श्रीनगर में 12, पुलवामा में 4, अनंतनाग में 4, कुलगाम में 3, बारामूला में 2, बडगाम में एक और बांदीपोरा में एक की हत्या की।
घाटी में सबसे अधिक मौतें इस साल अक्टूबर में
जम्मू कश्मीर में अक्टूबर का महीना इस साल का सबसे कातिल महीना साबित हुआ है। एक ही महीने में आतंकी मुठभेड़ों में कुल 44 मौतें हुई हैं। आतंकियों ने दुस्साहस करते हुए अक्टूबर में 12 सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाया। इसके अलावा आतंकियों ने 13 आम नागरिकों की जान ली। हालांकि, सुरक्षा बलों ने 19 आतंकियों को एकाउंटर में ढेर भी किया है।