अहमदाबाद: गुजरात के सिविल अस्पताल में शुक्रवार आधी रात से लेकर अभी तक 11 नवजात शिशुओं की मौत के मामले में राज्य सरकार ने मौत के कारणों एवं इसके पहलुओं की जांच के आज आदेश दिये। मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने आज अस्पताल का दौरा किया और मौतों के मामले में कार्वाई का आासन दिया। इससे पहले उन्होंने घटना के संबंध में गांधीनगर में स्वास्थ्य विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। सरकार ने यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया कि पांच बच्चों को दूर दराज के क्षेत्र से लाया गया था और इन बच्चों में वजन कम होने जैसी कई जटिलताएं थीं जबकि कुछ को गंभीर प्राणघातक बीमारियां थीं तथा उनकी हालत गंभीर थी। (अहमद पटेल ने राजनाथ सिंह को लिखा पत्र, निषपक्ष जांच की मांग की)
विज्ञप्ति के अनुसार, 24 घंटे में नौ नवजात शिशुओं की मौत हो गयी। इनमें से पांच को लुणावाड़ा, सुरेंद्रनगर, माणसा, वीरमगाम, हिम्मतनगर से लाया गया था और इनकी हालत गंभीर थी। जन्म के समय से ही इनका वजन बेहद कम 1.1 किलोग्राम था और ये बच्चे हायलीन मेम्ब्रेन डिजीज सांस संबंधी समस्या, सेप्टीसीमिया रक्त में संक्रमण और डिसेमिनटेड इंट्रावस्कुलर कोएगुलेशन खून का थक्का बनने और बहते खून को रोकने की क्षमता को प्रभावित करने वाली अवस्था जैसी जटिलताओं से ग्रसित थे। इसके अलावा सिविल अस्पताल में जन्मे चार नवजात शिशुओं में जन्म के दौरान से अस्थमा और मेकोनियसम एस्पिरेशन जैसी गंभीर जटिलताएं थीं। अस्पताल अधीक्षक एम एम प्रभाकर ने बताया कि कल रात तक दो और शिशुओं की मौत हो गई जिससे शुक्रवार आधी रात से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई।
उन्होंने कहा, एक नवजात की मौत कैंसर के कारण हुई जबकि दूसरे की मौत जन्म के समय अत्यधिक कम वजन होने के कारण हुई जटिलताओं से हुई। प्रभाकर ने बताया कि इसके साथ अस्पताल में पिछले तीन दिनों में 20 शिशुओं की मौत हो गई है। विज्ञप्ति के अनुसार, चिकित्सा शिक्षा के उप निदेशक आर के दीक्षित की अध्यक्षता वाली एक समिति पूरे हालात और मौत के कारणों की जांच करेगी। अस्पताल का दौरा करने के बाद रुपानी ने संवाददताओं से कहा, अगर सुविधाओं की कमी या डॉक्टरों की लापरवाही के कारण मौतें हुई है तो सरकार कार्वाई करेगी। हमने नौ मामलों की जांच के आदेश दिए हैं और उसके बाद टिप्पणी कर पाएंगे। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रधान सचिव जयंती रवि ने कहा कि कुछ शिशुओं की हालत गंभीर थी और संभवत: दिवाली के कारण डॉक्टरों के छुट्टी पर होने के चलते दूर दराज के इलाकों से इन्हें सिविल अस्पताल लाना पड़ा था।
उन्होंने बताया कि समिति इन मौतों के लिये प्रारंभिक कारणों पर गौर करेगी और संभवत: एक दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा, राज्य का मुख्य अस्पताल होने के कारण सभी जटिल मामलों को यहां भेजा जाता है। यह जाहिर है कि हमारे प्रयासों के बावजूद कई शिशु जीवित नहीं रह पाते। सरकार के अनुसार, गर्भवती महिलाओं के कुपोषित होने के कारण गुजरात में अब भी जन्म के दौरान शिशुओं का अत्यधिक कम वजन होना चुनौती बना हुआ है। विज्ञप्ति के अनुसार अहमदाबाद सिविल अस्पताल में नवजातों की मौत की औसत संख्या प्रतिदिन पांच से छह है। इस बीच, विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने बच्चों की मौत को लेकर अस्पताल के अधीक्षक के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया।