हाल ही में एक हजार से अधिक मुस्लिमों मौलवियों और इमामों ने जमात-उद-दावा के चीफ हाफिज सईद के खिलाफ फतवा जारी किया है और साथ ही उसे भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए सजा की भी मांग की है। मुंबई के एक मदरसे में हाफिज सईद और पाकिस्तान के कई आतंकवादियों की कड़ी निंदा की। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के काउंटर टेररिजम कमिटी के प्रमुख अम्र अब्दुललतीफ अबुलअता को यह प्रस्ताव भेजा गया है और साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय को भी इसकी एक कॉपी भेजी गई है। (अफगान तालिबान को समर्थन का आरोप बेबुनियाद: ईरान)
इस प्रस्ताव को पेश करने वाले रहमान अंजारिया ने कहा कि 'हाफिज सईद और अन्य आतंकी संगठन वैश्विक शांति के लिए खतरा हैं। हाफिज भारत को अपना दुश्मन बताता है लेकिन वह खुद इस्लाम और मानवता का दुश्मन है।' इससे पहले भी अंजारिया ने साल 2015 में ISIS के खिलाफ फतवा जारी किया था। इस फतवे पर हजार से ज्यादा मौलवियों और इमामों ने हस्ताक्षर किए थे। इसमें यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान में अभी हाल ही में 60 आतंकवादी संगठन काम कर रहे हैं और यूएन को इसके खिलाफ ऐक्शन लेना चाहिए।
मुंबई के साकी नाका मदरसे के हेड अब्दुल मंजर खान अशरफी ने कहा कि, 'पाकिस्तान परमाणु हथियार से संपन्न देश है और अगर लोग हाफिज सईद जैसे लोगों को वोट देंगे तो यह सिर्फ भारत के लिए बड़ा खतरा नहीं होगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए होगा। सईद मुस्लिमों को कट्टरता की तरफ ले जाने की कोशिश करेगा।'