जम्मू कश्मीर में सरकार ने बड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। पिछली रात दो बड़े घटनाक्रम से यह बात साफ पता चलती है। एक ओर जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक को हिरासत में ले लिया गया है वहीं दूसरी ओर राज्य में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है। गृह मंत्रालय ने राज्य में सुरक्षा बलों के मूवमेंट बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
सुरक्षा बलों के मूवमेंट के पीछे सुप्रीम कोर्ट में धारा 35 ए पर होने वाली सुनवाई को भी अहम कारण माना जा रहा है। गृहमंत्रालय धारा 35ए को लेकर बेहद सचेत है। इससे पहले जब भी सुप्रीम कोर्ट में 35 ए पर सुनवाई हुई है, राज्य में तनाव बढ़ा है। एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई और फैसला आने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार पहले से ही एहतियात बरत रही है। सूत्रों के अनुसार अनुच्छेद 35a को निरस्त करने के लिए केंद्र सरकार जल्द अध्यादेश ला सकती है।
घाटी में बढ़ा मूवमेंट
गृह मंत्रालय की ओर से जम्मू कश्मीर के बड़े अफसरों समेत अर्धसैनिक बलों के कमांडरों को सचेत किया गया है। गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ की 45, बीएसएफ की 35, एसएसबी की 10 और आईटीबीपी की 10 बटालियनों को फौरन रवाना होने को कह दिया गया है।
जानिए क्या है धारा 35ए
संविधान की धारा 35ए अनुक्षेद 370 से जुड़ा हुआ है। जिसमें कश्मीरियों के अधिकारों की बात कही गई है। धारा 35ए के तहत ही राज्य को विशेष राज्य का दर्जा मिला है। 35ए के तहत राज्य में स्थाई निवासियों की परिभाषा तय की गई है। इसमें जम्मू कश्मीर विधानसभा को कानून बनाने के विशेष अधिकार मिले हैं। कानून के मुताबिक दूसरे राज्यों के नागरिक जम्मू कश्मीर में संपत्ति नहीं खरीद सकते हैं। वहीं दूसरे राज्यों के नागरिकों को जम्मू कश्मीरे में स्थाई रूप से बसने या नौकरी करने का अधिकार भी नहीं है। वहीं राज्य की किसी महिला ने दूसरे राज्य के व्यक्ति से शादी की है तो उसके सभी अधिकार छिन जाते हैं।