नई दिल्ली: गुरमीत बाबा राम रहीम को कोर्ट ने बलात्कार के मामले में दोषी ठहराया है।इस शख्स के गुनाहों की लंबी फेहरिस्त है। कभी रॉकस्टार की शक्ल में. कभी हीरो तो कभी उपदेशक की किरदार में, न जाने कितने रंग और चेहरे थे बाबा राम रहीम के लेकिन जब तमाम नकाब हटे तो असली चेहरा सामने आ गया। बाबा राम रहीम के गुनाहों की लिस्ट लंबी है। कई ऐसे लोग और परिवार हैं जिनकी ज़ुबान जबरन बंद कर दी गई या करा दी गई। वक्त के साथ बाबा राम रहीम के पापों का घड़ा भरता जा रहा था और आखिरकार पंद्रह साल बाद बाबा राम रहीम अपने अंजाम तक पहुंच गया।
करीब पंद्रह साल पहले डेरा की एक साध्वी ने पीएमओ को चिट्ठी लिख कर बाबा राम रहीम की शिकायत की थी । साध्वी ने अपने हलफनामे में खुद और आश्रम की दूसरी साध्वियों के साथ यौन शोषण का आरोप लगाया था और फिर इस मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी । अदालत के आदेश पर साल 2002 में पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई...15 साल बाद आरोप सच साबित हुआ और गुरमीत बाबा राम रहीम को साध्वी के यौन शोषण का दोषी पाया गया।
बाबा राम रहीम पर लगाए साध्वी के रेप के आरोपों के करीब एक साल बाद 10 जुलाई 2003 को पीड़ित साध्वी के भाई और डेरा प्रबंधन समिति के सदस्य रणजीत सिंह की हत्या कर दी गई...इस हत्याकांड में भी आरोप गुरमीत बाबा राम रहीम पर लगे। डेरामुखी के करीबी होने की वजह से रणजीत डेरे के भीतर के हर राज़ बखूबी जानता था...रणजीत सिंह के मर्डर का मामला अभी विचाराधीन है।
अक्टूबर 2002 में साध्वी रेप मामले में एक लोकल अखबार में खबर छापने के बाद पत्रकार राम चंद्र छत्रपति की हत्या कर दी गई। 24 अक्टूबर 2002 में छत्रपति के घर के बाहर कुछ अज्ञात लोगों ने गोलियों से छलनी कर उनकी हत्या कर दी।पत्रकार छत्रपति की हत्या के बाद 25 अक्टूबर 2002 को घटना के विरोध में सिरसा शहर बंद रहा।
राम रहीम पर महिला को गायब करने का आरोप लगा। जयपुर की रहनेवाली गुड्डी मार्च 2015 के गायब है। वह जयपुर से ट्रेन सिरसा पहुंची थी। वहां से एक सेवादार उसे राम रहीम के पास लेकर गया और इसके बाद से अब तक गुड्डी का कहीं कोई पता नहीं। महिला का पति कई बार उसे तलाशने सच्चा सौदा के डेरे पर गया, लेकिन गुड्डी की कोई खबर नहीं मिली। सुनवाई के बाद कोर्ट ने पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए...इसमें इल्जाम राम रहीम पर लगाए गए हैं।
फतेहाबाद के रहने वाले डेरा सच्चा सौदा के साधु हंसराज चौहान ने 2012 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर डेरा प्रमुख पर डेरे के 400 साधुओं को नपुंसक बनाए जाने का सनसनीखेज आरोप लगाया। आरोपों के मुताबिक डेरा प्रमुख के इशारे पर डेरा अस्पताल के डॉक्टरों की टीम साधुओं को नपुंसक बनाती थी...उन्हें कहा जाता था कि ऐसा करने पर भगवान के दर्शन होंगे।
सच यही है कि समय बदल चुका है और बदले वक्त ने बाबा के चोले छुपे एक गुनहगार को बेपर्दा कर दिया है। अभी तो गुरमीत राम रहीम के ऊपर लगे तमाम आरोपों में से अभी सिर्फ एक आरोप में ही दोषी ठहराया गया है। ज़ाहिर है अगर अभी कई ऐसे गुनाह जिस पर से वक्त के साथ पर्दा उठना बाकी है।