नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को कागज फाड़कर चेयर की तरफ फेंकने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में फिलहाल लोकसभा अध्यक्ष नजर नहीं आ रहे हैं। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी नेता अधीर रंजन चौधरी ने सांसदों के व्यव्हार के लिए स्पीकर से खेद जताया था और उसके बाद सांसदों के खिलाफ संभावित कार्रवाई नहीं की गई है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विपक्षी सांसदों के 'कागज फाड़' व्यव्हार के लिए सरकार के मंत्रियों ने स्पीकर से कार्रवाई करने के लिए कहा था और स्पीकर ने कहा था कि अगर सरकार ऐसा चाहती है तो उन्हें प्रस्ताव लाना पड़ेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के मंत्री प्रस्ताव लाने की तैयारी भी कर चुके थे लेकिन इस दौरान अधीर रंजन चौधरी ने सांसदों की तरफ से स्पीकर से मिलकर खेद प्रकट किया और बाद में स्पीकर ने उन सांसदों का नाम नहीं लिया, नियमों के तहत स्पीकर अगर सदन में नाम नहीं लेते तबतक सरकार भी प्रस्ताव नहीं रख सकती।
बुधवार को लोकसभा में चेयर का अपमान करने के लिए सांसद मणिकम टैगोर, ए एम आरिफ, टीएन प्रथापन, सप्तगिरी शंकर, दीपक बैज, डीन कुरियकोज, हिबी इडेन, एस ज्योयिमनी, रवनीत बिट्टू और गुरजीत औजला के खिलाफ कार्रवाई के लिए सत्ता पक्ष की तरफ से सदन में प्रस्ताव पेश किए जाने की संभावना थी। स्पीकर पूरे मॉनसून सत्र के लिए इन्हें निलंबित कर सकते थे लेकिन फिलहाल के लिए यह कार्रवाई टल गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार स्पीकर अगले 1-2 दिन में इन सांसदों का व्यव्हार देख सकते हैं और उसके बाद आगे का फैसला ले सकते हैं।
आज भी संसद के दोनों सदनों में सत्र की शुरुआत से ही विपक्षी सदस्यों ने पैगसस, किसान आंदोलन समेत कई मुद्दों पर चर्चा को लेकर हंगामा किया है। लोकसभा में विपक्ष के सांसदों ने खेला होबे के नारे लगाए और पर्चे फेंके गए। जिस वक्त विपक्ष के सांसदों ने पर्चे फेंके उस वक्त चेयर पर राजेंद्र अग्रवाल मौजूद थे। भारी शोरगुल और हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही कर दी गई। सदन में आज पेगासस जासूसी मामला और केंद्रीय कृषि कानूनों समेत विभिन्न विषयों पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पूरा प्रश्नकाल चलाया। इससे पहले पिछले सप्ताह में और इस सप्ताह के शुरुआती दो दिन में विपक्ष के हंगामे के बीच पूरा प्रश्नकाल बाधित रहा था।