नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के बीच केंद्र सरकार कोविड-19 के टीकों का उत्पादन बढ़ाने की तैयारी कर रही है। साइंस एंड टेक्नोलॉजी मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि भारत में स्वदेशी वैक्सीन के उत्पादन में तेजी लाने के लिए, सरकार बायटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के तहत, वैक्सीन निर्माताओं को आर्थिक मदद दे रही है। इसके तहत, कोवैक्सीन की उत्पादन क्षमता मई-जून तक डबल होने की संभावना है। वहीं, सितंबर 2021 तक हर महीने कोवैक्सीन के 10 करोड़ डोज तैयार होंगे।
बता दें कि बुलंदशहर के चोला क्षेत्र में स्थित भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (बिबकोल) में भी कोवैक्सीन का उत्पादन किया जाएगा। बिबकोल कंपनी में कोवैक्सीन बनाने को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है। कंपनी को कोवैक्सीन बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने 30 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत कर दिया है।
वहीं कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटैक और बिबकोल के बीच एमओयू भी साईन हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त-सितंबर माह से बुलंदशहर में कोवैक्सीन का उत्पादन शुरू हो जाएगा और यहां हर माह 2 करोड़ डोज तैयार की जाएंगी। फिलहाल कंपनी की तकनीकी टीम कोवैक्सीन तैयार करने के लिए जरूरी संसाधन जुटाने में लगी है।
भारत इम्यूनोजिकल एंड बायोलॉजिकल लिमिटेड (बिबकोल) कंपनी में अभी तक पोलियो की वैक्सीन बनाई जाती है। आरके शुक्ला, वाइस प्रेसिडेंट बिबकोल ने इस खबर की पुष्टि की। उन्होंने एक अखबार से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार से उनकी कंपनी में कोवैक्सीन बनाने की स्वीकृति के साथ 30 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हो गया है। कंपनी में 10 मिलियन डोज प्रतिमाह कोवैक्सीन बनेगी।
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