बटाला: पंजाब में गुरदासपुर जिले के बटाला में बुधवार को एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई। पंजाब पुलिस ने बताया कि मलबे में अनेक लोगों के फंसे होने की आशंका है और राहत अभियान जारी है। पुलिस महानिरीक्षक (बॉर्डर रेंज) एसपीएस परमार ने बताया कि शाम करीब चार बजे रिहायशी क्षेत्र में स्थित पटाखा कारखाने में विस्फोट हुआ।
बटाला के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी संजीव भल्ला ने बताया कि विस्फोट में 23 लोगों की मौत हुई है। इससे पहले, गुरदासपुर के जिला उपायुक्त विपुल उज्ज्वल ने कहा कि विस्फोट में 19 लोगों की जान गई है और 27 अन्य घायल हुए हैं। विस्फोट इतना भीषण था कि आसपास की कुछ इमारतें भी नष्ट हो गईं। कुछ चार पहिया वाहन भी नष्ट हो गए और धमाके की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई। इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने घटना में लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया है। आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि अतिरिक्त उपायुक्त (बटाला) से दुखद हादसे की जांच करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने और राहत अभियान की निगरानी करने का निर्देश दिया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘बटाला में पटाखा फैक्टरी में विस्फोट में लोगों की मौत की खबर से बेहद दुखी हूं। राहत अभियान जारी है।
गुरदासपुर से सांसद सनी देओल ने भी घटना पर दुख जताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि "बटाला में पटाखा फैक्ट्री में लगी आग से जान माल के नुकसान के बारे में जानकार बहुत दुःख हुआ, जिला उपायुक से बात की, जिला प्रशाशन राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया दल की टीम मौके पर कार्यरत है।"
पंजाब सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और अमृतसर मेडिकल कॉलेज भेजे गए गंभीर रूप से घायल सात लोगों को पचास-पचास हजार रुपये का अनुदान देने की घोषणा की है। इसके साथ ही मामूली रूप से घायल लोगों को पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये का अनुदान देने की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने नागरिक और पुलिस प्रशासन दोनों को निर्देश दिया है कि वे दुख की इस घड़ी में पीड़ित परिजनों की हरसंभव मदद करें। उन्होंने निर्देश दिया कि जिला उपायुक्त घायलों को नि:शुल्क बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध कराएं और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एनडीआरएफ के अभियान की निगरानी करें।
पंजाब के जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जिला प्रशासन और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ स्थिति का जायजा लिया। राहत अभियान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम लगाई गई हैं। दमकल गाड़ियां भी मौके पर मौजूद हैं। उपायुक्त उज्ज्वल ने कहा कि प्रशासन की तात्कालिक प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाने की है। कुछ स्थानीय लोगों ने दावा किया कि संबंधित पटाखा कारखाने को बंद कराने के लिए जिला प्रशासन को कई बार शिकायतें दी गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।