नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में ‘फेस्ट’ के दौरान छह फरवरी को छात्राओं के साथ हुई कथित छेड़खानी के मामले में बुधवार को 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच करने और संदिग्धों की पहचान करने के लिए पुलिस की 11 से ज्यादा टीमें उपलब्ध तकनीकी ब्योरों का विश्लेषण कर रही हैं और एनसीआर में जगह-जगह तलाशी ले रही हैं। उन्होंने बताया कि कई लोगों से पूछताछ की जा रही है और विभिन्न संदिग्धों की पहचान की गई है। दिल्ली पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में 10 फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की थी।
‘रेविएरा’ फेस्ट में हुई बदसलूकी
गार्गी कॉलेज में छह फरवरी को आयोजित ‘रेविएरा’ फेस्ट में पुरुषों का एक समूह घुस आया और छात्राओं के साथ बदसलूकी की। हौज खास थाने में भारतीय दंड संहिता की धाराओं 452 (हमला करना, या नुकसान पहुंचाने के इरादे से अनधिकृत तरीके से घुसना), धारा 354 (महिला की मर्यादा को क्षति पहुंचाने के लिए उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), धारा 509 (किसी महिला की मर्यादा का अनादर करने के आशय से कोई अश्लील शब्द कहना, हावभाव प्रकट करना या कोई कृत्य करना) और धारा 34 (साझा आपराधिक इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
छात्राओं ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
कुछ छात्राओं ने इस घटना के संबंध में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की थी। सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार छह फरवरी को कॉलेज उत्सव ‘रेवरी’ के दौरान शाम करीब साढ़े छह बजे नशे में धुत पुरुषों के समूह ने कॉलेज के प्रवेश द्वार पर धावा बोल दिया था और वे अंदर घुस गए गए जिसके बाद उन्होंने छात्राओं के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ की थी। इस बारे में कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ प्रोमिला कुमार ने सोमवार को कहा था कि हमने शिकायतकर्ताओं, चश्मदीदों और इस मामले में जानकारी रखने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ बातचीत के लिए एक उच्च-स्तरीय तथ्य-खोज समिति का गठन किया है।
DU का प्रतिष्ठित कॉलेज है गार्गी कॉलेज
बता दें कि गार्गी कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय का एक प्रतिष्ठित कॉलेज है। 1967 में स्थापित हुए इस कॉलेज में एडमिशन के लिए काफी ज्यादा प्रतिस्पर्धा रहती है। गार्गी कॉलेज में साइंस, कॉमर्स, ऑर्ट्स स्ट्रीम्स के स्नातक और स्नातकोत्तर कोर्स पढ़ाए जाते हैं। गार्गी कॉलेज को NAAC द्वारा ग्रेड-'ए 'से सम्मानित किया गया है। इसमें लगभग 3864 छात्राएं पढ़ रही हैं। गार्गी कॉलेज 10 विषयों में कोर्सेज कराता है। बता दें कि पिछले दो वर्षों में विश्वविद्यालय परीक्षाओं में 99% छात्राएं पास हुई हैं और लगभग 45-50% छात्राओं ने फर्स्ट डिवीज़न से परीक्षा पास की है।