जयपुर: कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो से कराने सहित अन्य चार मांगों को लेकर नागौर के सांरवदा गांव में जुटे हजारों राजपूत समाज के लोगों और पुलिस के बीच हुई लाठी भाटा जंग में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत 15 लोग घायल हो गए और दो अन्य पुलिसकर्मी अभी लापता हैं। प्रदर्शनकारियों ने एसपी पारस देशमुख की गाड़ी और चार बसों में आग लगा दी। डिडवाना के पास लोगों ने रेलवे ट्रैक से फिशप्लेट उखाड़ने की भी कोशिश की। ये भी पढ़ें: भारत और चीन में बढ़ी तल्खियां, जानिए किसके पास है कितनी ताकत
सरकार के मुताबिक उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए केवल रबर की गोलियों, आंसू गैस और लाठीचार्ज किया गया। इस पूरे घटनाक्रम में मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले एक शख्स की मौत हो गई। 21 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं और सात नागरिक घायल हुए हैं। भारी तनाव को देखते हुए वहां कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है।
कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह गत 24 जून को कथित पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक :कानून एवं व्यवस्था: एन आर के रेड्डी के अनुसार श्रीकरणी राजपूत सेना द्वारा आयोजित कार रैली में आए लोगों पर उस समय लाठीचार्ज करना पड़ा जब उत्तेजित प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस ने अश्रुगैस के गोले छोड़कर भीड़ को तितर-बितर करने का प्रयास किया लेकिन वह हिंसा पर उतारू होने लगे, जिसके चलते पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।
उन्होंने बताया कि लाठी भाटा जंग में घायल हुए लोगों में नागौर पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख समेत 21 पुलिसकर्मी शामिल हैं। अन्य घायल प्रदर्शनकारी हैं। घायल पुलिसकर्मियों में से दो को नाजुक हालत में जयपुर के अस्पताल भेजा गया है जबकि शेष को नागौर के नजदीक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दो पुलिसकर्मी अभी लापता हैं जिनकी तेजी से तलाश की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतक आनंदपाल सिंह के पैतृक गांव में श्रीराजपूत करणी सेना की ओर से आयोजित की गई हुंकार रैली और श्रद्धांजलि सभा में जुटे हजारों लोगों में से कुछ लोगों ने दिल्ली जोधपुर रेल मार्ग को जाम कर उसे क्षतिग्रस्त करना शुरू कर दिया था और पुलिस को उनको रोकने का प्रयास करने पर लाठी भाटा जंग शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि रेल मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण दिल्ली-जोधपुर वाया रेवाड़ी मार्ग पर फिलहाल यातायात बाधित है।
आनंदपाल सिंह का अन्तिम संस्कार कब होगा इसको लेकर असमंजस बना हुआ है। गौरतलब है कि करीब डेढ साल की फरारी के बाद पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के परिजन मुठभेड़ पर सवाल उठा रहे हैं। वह मुठभेड़ की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरों से करवाने सहित चार अन्य मांगे पूरी न होने तक, आनंदपाल सिंह का अन्तिम संस्कार न करने पर अडिग हैं। पुलिस ने सांरवदा गांव में आज प्रस्तावित रैली को देखते हुए यहां सुरक्षा और कड़ी कर दी है। वहीं नागौर, बीकानेर, चूरू जिला प्रशासन ने मंगलवार शाम से इंटरनेट सेवा निलंबित रखी।
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