Highlights
- लखनऊ के जिलाधिकारी ने पेश की इंसानियत की मिसाल
- घायल रिक्शा चालक को खुद पहुंचाया हॉस्पिटल
- जिलाधिकारी ने खुद डॉक्टरों से बात की और अच्छा इलाज करने के लिए कहा
Lucknow: यूपी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसके बारे में सुनकर प्रशासन और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए मन में विश्वास बढ़ जाता है। दरअसल अक्सर देखा जाता है कि बड़े पदों पर बैठने के बाद अधिकारी संवेदनशील नहीं रह पाते लेकिन लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश (Abhishek Prakash) ने जनता और अधिकारियों के सामने एक मिसाल पेश की है।
दरअसल मंगलवार को जिलाधिकारी जब किसी विजिट से लौट रहे थे तो उन्होंने कैंट स्थित मरीमाता मंदिर अहियामऊ के पास एक उल्टा पड़ा रिक्शा देखा। रिक्शे के पास ही रिक्शा चालक और रिक्शा सवार घायल अवस्था में पड़े थे। इसके बाद जिलाधिकारी ने फौरन अपनी गाड़ी रुकवाई और दोनों घायलों को सिविल हॉस्पिटल लेकर गए।
डीएम ने डॉक्टरों से खुद की बात
इसके बाद जिलाधिकारी ने खुद डॉक्टरों से बात की और ये सुनिश्चित किया कि घायलों का अच्छे तरीके से इलाज हो। दोनों घायल अब ठीक हैं और खतरे से बाहर हैं। घायलों की पहचान 55 साल के धनीराम (निवासी मोहनगंज कैंट रोड) और 50 साल के गुड्डू (निवासी पुराना किला) के रूप में हुई है।
ट्विटर यूजर @Live_Gyan ने इस घटना में घायल रिक्शा चालक की तस्वीर भी ट्विटर पर पोस्ट की है और जिलाधिकारी के काम की तारीफ की है। उन्होंने लिखा, 'लखनऊ में मरी माता मंदिर के पास एक रिक्शा चालक को अज्ञात वाहन टक्कर मार कर निकल गया। उधर से निकले डीएम लखनऊ ने ये देखा तो रिक्शा चालक को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। ऐसे ही संवेदनशील अफसर हर जगह हो तो बात ही क्या।'