देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच रेलवे अपनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाते हुए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन कर रहा है। इस महीने की शुरुआत के बाद से देश में अब तक 500 से ज्यादा ट्रेनें चलाई जा चुकी हैं। अब रेलवे इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की क्षमता भी बढ़ा रहा है। रेलव ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के तहत इन ट्रेनों में पहले 1200 लोगों के सफर की व्यवस्था की थी। अब इसमें 400 और पैसेंजर सफर कर सकेंगे। रेलवे ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की क्षमता अब 1600 कर दी है। इसके साथ ही अभी तक नॉनस्टॉप चल रही इन ट्रेनों में 3 स्टॉपेज की व्यवस्था की गई है। जिससे बीच के स्टेशन के यात्रियों को भी ट्रेन में लिया जा सके।
रेलवे के अनुसार अब तक 448 ट्रेनें शुरू की गई हैं, जिसमें से 363 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच चुकी हैं। वहीं 105 ट्रेनें रास्ते में हैं वहीं 50 ट्रेनें पाइपलाइन में हैं। रेलवे ने लॉकडाउन के दौर में चल रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की क्षमता भी बढ़ा दी है। रेलवे ने पहले एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1200 लोगों की व्यवस्था की थी, लेकिन अब यह क्षमता बढ़ाकर 1600 कर दी है। इस प्रकार अब 400 लोग और इस ट्रेन के जरिए अपने घरों तक जा सकते हैं। रेलवे के अनुसार वह इस समय 300 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला सकता है। लेकिन इस समय करीब 100 ट्रेनें ही संचालित की जा रही हैं। राज्य यदि सहयोग देते हैं तो ट्रेनों की संख्या में बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
पश्चिम बंगाल में सबसे कम ट्रेनें
केंद्रीय गृह सचिव ने रविवार को देश के विभिन्न राज्यों के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में भी श्रमिकों के लिए व्यवस्था करने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने विशेष रूप से पश्चिम बंगाल सहित विभिन्न राज्यों से अपील की कि वे ट्रेनों का परिचालन बढ़ाने की कोशिश करें। उन्होंने खास तौर पर पश्चिम बंगाल पर चिंता जताई जहां सबसे कम ट्रेनों का परिचालन हुआ है।