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Good Job: कैंसर पेशेंट के लिए मसीहा बना पुलिसकर्मी , दवा पहुंचाने के लिए स्कूटर से तय किया 960 किमी. का सफर

बेंगलुरू पुलिस में कार्यरत एस कुमारस्वामी एक मसीहा बनकर सामने आए और स्कूटर से 960 किमी का सफर तय कर पेशेंट तक कैंसर की दवा पहुंचाई।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: April 17, 2020 12:43 IST
Scooter ride- India TV Hindi
Scooter ride

कोरोना वायरस के चलते देश में जारी 40 दिनों के लॉकडाउन के बीच आम लोग मुश्किल का सामने कर रहे हैं। लेकिन गंभीर बीमारी से पीड़ित ऐसे मरीजों की हालत और भी खराब है जो दूर दराज के इलाकों में रहते हैं और लॉकडाउन के चलते शहरों से दवा नहीं मंगा पा रहे हैं। कर्नाटक के धारवाड़ में रहने वाले ऐसे ही पेशेंट के लिए बेंगलुरू पुलिस में कार्यरत एस कुमारस्वामी एक मसीहा बनकर सामने आए और स्कूटर से 960 किमी का सफर तय कर पेशेंट तक कैंसर की दवा पहुंचाई। 

अंग्रेजी अखबार न्यूइंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक 47 वर्षीय कुमारस्वामी बेंगलुरू पुलिस कंट्रोल रूम में कार्यरत हैं। उन्होंने 10 अप्रैल को एक स्थानीय चैनल पर न्यूज एंकर आौर धारवाड़ निवासी उमेश की बातचीत सुनी। उमेश कैंसर पेशेंट हैं और वे जो दवा लेते हैं वह बेंगलुरू में ही मिलती है। रविवार तक उन्हें यह दवा अवश्य लेनी थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते दवा पाना मुश्किल था। 

अगले दिन अपनी मॉर्निंग शिफ्ट समाप्त होने के बाद स्वामी न्यूज चैनल के दफ्तर पहुंचे और उमेश का नंबर लिया। इसके बाद वे दवा लेने बेंगलुरू के डीएस रिसर्च सेंटर पहुंचे। वहां से दवा लेकर उन्होंने अपने अधिकारी एसीपी अजय कुमार सिंह के पास पहुंच और धारवाड़ जाने की परमीशन मांगी। 

परमीशन तो मिल गई लेकिन कुमारस्वामी की पत्नी और बेटा धारवाड़ जाने की बात पर राजी नहीं थे। लेकिन फिर भी वे अपनी एक्टिवा स्कूटर से धारवाड़ के लिए निकलें। वे शनिवार सुबह 4 बजे निकले और 2.30 बजे धारवाड़ पहुंचे। उमेश वास्तव में दरवाजे पर कुमारस्वामी को देखकर दंग रह गए। स्वामी ने फिर 4 बजे वापस बेंगलुरू का सफर शुरू किया। पिछले 18 घंटों से लगातार स्कूटर चलाकर थक चुके कुमारस्वामी ने चित्रदुर्ग के फायरस्टेशन पर रात में विश्राम किया, फिर एक बार 5.30 बजे चलकर वे 30 घंटों के भीतर 960 किमी. का सफर तय कर बेंगलुरू पहुंच गए। 

कुमार स्वामी ने बताया कि उनका धारवाड़ से कोई रिश्ता नहीं है, वे रामनगरा के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा मैंने बस आत्मा की आवाज सुनी और निकल पड़ा। अब कुमारस्वामी के इस जज्बे की हर कोई तारीफ कर रहा है। बेंगलुरू के सिटी कमिश्नर भास्कर राव ने भी कुमारस्वामी के जज्बे को सलाम करते हुए उन्हें सम्मानित किया है।

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