कोरोना की वैसीन का बेसब्री से इंतजार कर रही दुनिया को भारत से एक बड़ी खुश खबरी मिली है। कोरोना वायरस की वैक्सीन का उत्पाद पुणे में शुरू हो गया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार वैक्सीन के लिए ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मास्युटिकल कंपनी आस्ट्राजेनेका ने भारत से हाथ मिलाया है। आस्ट्राजेनेका ने पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट के साथ मिलकर वैक्सीन निर्माण शुरू कर दिया है। यहां 1 अरब वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया जाएगा। वहीं अमेरिका ने दावा किया है कि उनसे 20 लाख डोज तैयार कर ली हैं। उसकी वैक्सीन अंतिम चरण में है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सटी में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल दूसरे फेज में पहुंच गया है। हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने 10 हजार लोगों पर तीसरे फेज के ट्रायल की घोषणा की है। कई देशों में इसके बाकी के ट्रायल शुरू होने वाले हैं। ब्राजील ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल को मंजूरी दे दी है। ब्रिटिश दवा निर्माता आस्ट्राजेनेका नई वैक्सीन के निर्माण और डिस्ट्रिब्यूशन में मदद देने वाली संस्था सेपी और गवी के साथ 750 मिलियन डॉलर का करार कर चुकी है।
आस्ट्राजेनेका के मुख्य कार्यकारी पास्कल सोरियोट ने बीबीसी रेडियो को बताया, 'अब तक हम ट्रैक पर हैं. हम अभी इस वैक्सीन का निर्माण शुरू कर रहे हैं। हमारी वर्तमान धारणा यह है कि गर्मियों के अंत तक, यानी अगस्त तक हमारे पास इसका पूरा डेटा होगा।' इस बीच, अमेरिका (America) ने भी कहा है कि उसने पहले ही दो मिलियन वैक्सीन का उत्पादन कर लिया है, जिसकी बस सुरक्षा जांच होनी बाकी है। आस्ट्राजेनेका ने 4 जून को दिए गए अपने बयान में कहा था कि उसने दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली भारतीय कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ एक करार किया है जिसके तहत मध्यम और निम्न आय वर्ग के देशों में उसके संभावित कोरोना वायरस वैक्सीन के 1 अरब खुराक की सप्लाई की जायेगी।