कोरोना संकट से जूझ रही दुनिया को अभी तक इसकी एक कामयाब वैक्सीन की तलाश है। दुनिया के कई देश कोरोना की वैक्सीन विकसित करने के काम पर जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर कोरेाना से संक्रमित लोगों को ठीक करने के लिए वैज्ञानिक कुछ पुरानी दवाओं और फार्मूलों पर रिसर्च कर रहे हैं। इस बीच मात्र 1.5 रुपए की गोली के चमत्कारिक असर से दुनिया भर के डॉक्टर आश्चर्यचकित हैं। यह सस्ती दवा मेटफॉर्मिन है, इस दवा का इस्तेमाल आम तौर पर डायबिटीज के रोगियों को ठीक करने के लिए किया जा जाता है। यह दवा अब कोरोना के मरीजों पर भी इस्तेमाल की जा रही है। जिसके सुखद परिणाम सामने आए हैं।
मेटफॉर्मिन को लेकर चीन के वुहान के डॉक्टरों ने रिसर्च की है। कुछ केस स्टडी के आधार पर डॉक्टरों का कहना है कि यह दवा कोरोना के इलाज में कारगर पाई गई है। वहीं, अमेरिका के मिन्नेसोटा यूनिवर्सिटी ने करीब 6 हजार मरीजों पर मेटफॉर्मिन को आजमाया। मिन्नेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का भी कहना है कि मेटफॉर्मिन दवा कोरोना मरीजों की मौत के खतरे को कम कर सकती है।
अंग्रेजी अखबरा द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन की प्रमुख स्वास्थ्य संस्था नेशनल हेल्थ सर्विस पहले से इस दवा का इस्तेमाल कर रही है। यह दवा डायबीटिज के साथ-साथ ब्रेस्ट कैंसर और हार्ट की बीमारियों में भी कारगर पाई गई है। टाइप 2 डायबिटीज के इलाज के लिए 1950 के दशक से ही इस दवा का उपयोग किया जा रहा है।
वुहान में मरीजों को ठीक करने में कारगर मेटफॉर्मिन
कोरोना वायरस की जन्मभूमि कहे जाने वाले वुहान में मेटफॉर्मिन दवा काफी कारगर साबित हुई है। स्टडी में पाया गया है कि डायबिटीज से पीड़ित जो लोग कोरोना संक्रमित हुए और यह दवा ले रहे थे उनमें मौत की दर, यह दवा नहीं लेने वाले डायबिटीज के मरीजों की तुलना में कम थी। स्टडी के दौरान वुहान के डॉक्टरों को पता चला कि मेटफॉर्मिन लेने वाले सिर्फ 3 मरीजों की मौत हुई थी, जबकि इतने ही गंभीर 22 कोरोना मरीजों की मौत हो गई जिन्होंने ये दवा नहीं ली थी। डॉक्टरों ने कोरोना से गंभीर रूप से बीमार पड़े 104 मरीजों के डाटा की स्टडी की जिन्होंने मेटफॉर्मिन दवा ली थी। इन मरीजों के डेटा की तुलना कोरोना के 179 अन्य गंभीर मरीजों से की गई।