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Good News: हजारों अनाथ, बेसहारा बच्चों का सहारा ‘सलाम बालक’

दिल्ली की सड़कों पर हजारों ऐसे बच्चे है जिनका न कोई घर है और न कोई ठिकाना। सलाम बालक ट्रस्ट ऐसे बच्चों की देखभाल करता है। ये ट्रस्ट बच्चों की देखभाल के लिए अच्छे स्टैंडर्ड अपनाता है। यहां अच्छा खाना मिलता है, खेलने और रहने की अच्छी सुविधाएं है। पढ़ाई

IndiaTV Hindi Desk
Updated : April 25, 2017 23:31 IST
salaam baalak trust
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नई दिल्ली: दिल्ली की सड़कों पर हजारों ऐसे बच्चे है जिनका न कोई घर है और न कोई ठिकाना। सलाम बालक ट्रस्ट ऐसे बच्चों की देखभाल करता है। ये ट्रस्ट बच्चों की देखभाल के लिए अच्छे स्टैंडर्ड अपनाता है। यहां अच्छा खाना मिलता है, खेलने और रहने की अच्छी सुविधाएं है। पढ़ाई का भी खर्च ये संस्था ही उठाती है। इन बच्चों को आधुनिक शिक्षा दी जाती है। दिल्ली-NCR में इस ट्रस्ट के 25 सेंटर्स हैं, जहां हर साल साढ़े आठ हजार बच्चों की देखभाल की जाती है।

एक बच्चा जो गरीबी के कारण घर से भागा था फिर सलाम बालक संस्था में पहुंचा और अब प्रोफेशनल फोटोग्राफर बन गया है। इस लड़के का नम विक्की है। विक्की आज इंटरनेशनल फोटोग्राफर बन चुके हैं। विक्की को फोर्ब्स  मैगजीन ने तीस साल से कम उम्र के ऐसे लोगों में शामिल किया है जो गेम चेंजर रहे हैं।

विक्की आज सक्सेसफुल है, लेकिन 18 साल पहले विक्की घर के हालात से तंग आ कर भाग गया था। दिल्ली में स्टेशन पर कूड़ा बीनने का काम करता था, फिर सलाम बालक ट्रस्ट का सहारा मिला और जिंदगी बदल गई। विक्की जैसी कई सक्सेस स्टोरी हैं सलाम बालक ट्रस्ट से जुड़े बच्चों की।

हमारे चैनल इंडिया टीवी के संवाददाता सौरव शुक्ल को यहां एक ऐसा बच्चा भी मिला जिसे वापस घर भेजा जा रहा था, ये बच्चा करीब दो हफ्ते पहले दोस्त के साथ घर से भाग कर दिल्ली आ गया था। इस बच्चे को स्टेशन पर अकेला घूमता देखकर पुलिस वालों ने सलाम बालक ट्रस्ट को सौंप दिया, फिर ट्रस्ट वालो ने उसके घर वालों को खबर की और परिवार से मिलवाया।

देखिए वीडियो-

सलाम बालक ट्रस्ट के फाउंडर ने बताया कि उन्हें इस संस्था का आइडिया एक फिल्म देख कर आया था। वो फिल्म थी सलाम बॉम्बे, इंटरेस्टिंग बात ये है कि उस फिल्म की निर्देशक मीरा नायर की मां भी इस संस्था की को फाउंडर थीं तब 25 बच्चों से संस्था शुरु हुई थी। आज ये फाउंडेशन हजारों बच्चों की जिंदगी संवार चुकी है।

सलाम बालक अच्छा काम कर रही है। गरीब बेसहारा बच्चों का भविष्य संवारना बड़ी बात है लेकिन देश बहुत बड़ा है ऐसी और संस्थाओं की जरूरत है। उम्मीद है सलाम बालक के काम से दूसरे लोग भी प्रेरित होंगे।

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