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पतंजलि की कोरोनिल के अलावा भारत में आ चुकी हैं कोरोना वायरस के इलाज की तीन दवाएं, ये हैं उनके नाम

देश में कोरोना के इलाज के लिए अबतक मुख्य रूप से तीन दवाएं- सिप्रेमी, फैबीफ्लू और कोविफोर इस्तेमाल हो रही हैं।

Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: June 23, 2020 14:05 IST
Patanjali Coronil Tablet- India TV Hindi
Image Source : PATANJALI DIARY TWITTER Patanjali Coronil Tablet

योगगुरू बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने मंगलवार को कोरोना की दवा patanjali Coronil लॉन्च कर दी। यह कोरोना की पहली आयुर्वेदिक corona drug है। हरिद्वार में स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण के संस्थान पतंजलि ने कोरोना की आयुर्वेदिक दवा 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' को आज पेश कर दिया। बाबा रामदेव ने दावा किया कि इस दवा का 280 मरीजों पर क्लीनिकल ट्रायल किया गया, उनमें 69 फीसदी मरीज केवल 3 दिन में पॉजीटिव से निगेटिव और सात दिन के अंदर 100 फीसद रोगी कोरोना से मुक्त हो गए।

पतंजलि की दिव्य कोरानिल टैबलेट आयुर्वेद की पहली दवा है, लेकिन इससे पहले एलोपैथिक पद्धति में तीन दवाएं इससे पहले लॉन्च की जा चुकी हैं। देश में कोरोना के इलाज के लिए अबतक मुख्‍य रूप से तीन दवाएं- सिप्रेमी (Cipremi), फैबीफ्लू (Fabi Flu) और कोविफोर (Covifor) इस्‍तेमाल हो रही हैं। इसमें से सिप्रेमी और कोविफोन एंटीवायरल ड्रग रेमडेसिवीर के जेनेरिक वर्जन हैं। वहीं फैबीफ्लू में इन्‍फ्लुएंजा की दवा फेविपिराविर का जेनेरिक रूप है। इन तीनों को हाल ही में अप्रूवल मिला है। 

फ़ैबिफ़्लू (Fabi Flu) 

ग्लेनमार्क (Glenmark Pharma) की  फ़ैबिफ़्लू (Fabi Flu) एक रीपर्पस्ड दवा है। इसका मतलब ये है कि इस दवा का इस्तेमाल पहले से फ़्लू की बीमारी के इलाज में किया जाता रहा है। रेमडेसिवियर की ही तरह ये भी एक एंटीवायरल दवा है। इस दवा को बनाने वाली फ़ार्मास्युटिकल कंपनी ग्लेनमार्क का दावा है कि कोविड-19 के माइल्ड और मॉडरेट मरीज़ों पर इसका इस्तेमाल किया जा सकता है और परिणाम सकारात्मक आए हैं। ग्लेनमार्क कंपनी का दावा है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीसीजीआई) ने इस दवा के ट्रायल के लिए सशर्त मंज़ूरी दी है।

कोविफ़ॉर (Covifor)

फ़ार्मा कंपनी हेटेरो (Hetero Labs) की तरफ़ से भी एक दावा किया जा रहा है कि भारत में अब 'कोविफ़ॉर' बनाने की मंज़ूरी ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया से मिल गई है। ये दवा भी कोरोना के इलाज में कारगर मानी जा रही है। हेटेरो, जेनरिक दवा बनाने वाली कंपनी है, जो रेमडेसिवियर का जेनेरिक वर्जन दवा 'कोविफ़ॉर' भारत में बनाएगी और बेच सकेगी। रेमडेसिवियर एक एंटीवायरल दवा है, ये लाइसेंस्ड ड्रग है जिसका पेटेंट अमरीका की गिलिएड कंपनी के पास है।

सिप्रेमी (Cipremi)

सिप्ला (Cipla) ने कोरोना मरीजों के लिए रेमडेसिवीर का जेनरिक मेडिसिन पेश किया है। कंपनी ने दवा का नाम सिप्रेमी रखा है। इसे अमेरिकी दवा नियामक यूएसएफडीए ने कोविड-19 के मरीजों को आपातकालीन स्थिति में देने की स्वीकृति दी है। दवा की कीमत को लेकर फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। रेमडेसिवीर एक मात्र दवा है, जिसे USFDA ने कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए आपातकालीन उपयोग की स्वीकृति दी है। गिलीड साइंसेज ने मई में सिप्ला के साथ रेमडेसिवीर के मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग के लिए एक नॉन एक्सक्लूसिव अग्रीमेंट साइन किया था। 

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