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बेटी ईशा ने दिया था रिलायंस जियो बनाने का आइडिया- मुकेश अंबानी

रिलायंस जियो की वजह से ग्राहकों को मात्र 5 रुपए प्रति जीबी डाटा मिल रहा है। जिसके लिए पहले उन्हें 200-250 रुपए खर्च करने पड़ते थे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: March 17, 2018 11:54 IST
आकाश और ईशा अंबानी।- India TV Hindi
आकाश और ईशा अंबानी।

लंदन: रिलायंस जियो ने दो साल से कम समय में भारत को दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल ब्रॉडबैंड डेटा उपभोक्ता देश बना दिया है और इस परियोजना का विचार सबसे पहले 2011 में रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह के प्रमुख मुकेश अंबानी की बेटी ईशा के मन में आया।यह बात अब खुद मुकेश अंबानी ने बताई है।  रिलांयस इंडस्ट्रीज को  यहां‘ फाइनेंशियल टाइम्स आर्सेलरमित्तल बोल्डनेसइन बिजनेस’ पुरस्कार समारोह में ‘परिवर्तन लाने वाले उद्यम’ के रूप में सम्मनित किया गया। अंबानी ने पुरस्कार ग्रहण करते हुए अपने भाषण में रिलायंस जियो के पीछे की कहानी उजागर की। 

रिलायंस ने 2016 में जियो को शुरू किया और देश के मोबाइल फोन बाजारमें उथलपुथल मचाने के लिए31 अरब डॉलर खर्च किए। उन्होंनेभारत में पहले से मोबाइल सेवाएं दे रही प्रतिद्वंदी कंपनियों कोफोन कॉल और मोबाइल इंटरनेट की दरें कम करने पर मजबूर कर दिया।थोड़े ही समय में जियो देश की चौथी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी बनकर उभरी। 

अंबानी ने कहाकि युवा प्रतिभा की अधिकता के साथ भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने के लिए तैयार है।  उन्होंने याद करते हुए कहा, " जियो का विचार सबसे पहले मेरी बेटी ईशा के मन में 2011 में आया। उस समय वह अमेरिका के येल में पढ़ाई कर रही थी और छुट्टियां बिताने के लिए घर आई थी। वह कुछ कोर्सवर्क भेजना चाहती थी और उसने कहा कि डैड, हमारे घर का इंटरनेट अटक जाता है।" 

अंबानी ने कहा कि ईशा के जुड़वा भाई आकाश ने उस समय कहा कि पुरानी दुनिया में दूरसंचार का मतलब केवल फोन काल की सुविधाथा और लोगोंने फोन पर बात करने की सुविधा देकर खूब पैसा कमाया लेकिन आधुनिक दुनिया में सबकुछ डिजीटल है। उन्होंने कहा, " ईशा और आकाश भारत की युवा पीढ़ी से ताल्लुक रखते हैं, जो कि कहीं ज्यादा सृजनात्मक, कहीं ज्यादा महत्वाकांक्षी और दुनिया में खुद को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए कहीं ज्यादा बेताब हैं। इन युवा भारतियों ने मुझे आश्वस्त किया कि इंटरनेट काफी पीढ़ी को परिभाषित करने वाली तकनीकी है और भारत इसे त्याग नहीं सकता।" 

हमने सितंबर 2016 में जियो को पेश किया और आज जियो भारत में बदलाव का सबसे बड़ा कारक बन गया है। इसने 2019 में भारत को4 जी का अगुवा बना दिया और आज यह5 जी के लिए तैयार है। अंबानी ने कहा कि जियो भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा स्टार्ट- अप बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने अपने दिवंगत पिता धीरूभाई अंबानी को भारतीय कारोबार ज गत के इतिहास के वास्तविक बदलाव का अगुवा बताते हुए कहा कि उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज( आरआईएल) की स्थापना 1977 में महज 1000 रुपये से की थी। 
इससे पहले यह पुरस्कार डीपमाइंड टेक्नोलॉजीज(2016), फानुक(2015), एचबीओ(2014), अलीबाबा(2013) मोनड्रैगन कॉर्पोरेशन(2012), अमेजन(2011), एपल(2010) को मिला था। 

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