Zombie virus news hindi: कोरोना वायरस के बाद अचानक से जॉम्बी वायरस पर बात शुरू हो गई है। दरअसल, ये वायरस बर्फ से भरे साइबेरिया इलाके में 48500 साल से दबा हुआ था और अब बाहर आ गया है। ये वायरस असल में जलवायु परिवर्तन की वजह से बाहर आया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मी बढ़ी है और इससे बर्फ पिघली है, जिससे वायरस अपने आप बाहर आ गया है। लेकिन, सवाल यह है कि इसका नाम जॉम्बी वायरस क्यों है और ये हमारे लिए कितना खतरनाक हो सकता है।
जॉम्बी वायरस क्या है?
शोधकर्ताओं की मानें तो, जॉम्बी वायरस, अमीबा (amoeba) जैसे परजीवी से जुड़ा हुआ हो सकता है जिसे इंसानों के लिए संक्रामक वायरस की श्रेणी में नहीं रखा जाता। लेकिन, ये अमीबा में संक्रमण का कारण बन सकता है और इसे लेकर वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि यह कभी जानवरों और पेड़-पौधों में किसी संक्रमण का कारण रहा होगा।
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जानें क्या इंसानों को भी है इससे नुकसान?
दरअसल, एक तरफ वैज्ञानिक इसे पेड़-पौधों और पुराने जानवरों की बीमारियों और संक्रमण से जोड़ कर देख रहे हैं। वहीं, ये आगे चल कर इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। वो इसलिए कि कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि यह स्मॉलपाक्स का एक जेनेटिक स्ट्रक्चर के जैसा है, जिसे लेकर अनुमान है कि ये बर्फ में दबा हुआ था। अब जब बर्फ पिघली है और यह बाहर आया है तो ये पेड़-पौधों और जानवरों व पक्षियों में फैल सकता है और आगे चल कर संक्रमण का कारण भी बन सकता है।
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कितनी चिंता करनी चाहिए?
इंसानों को इस वायरस को लेकर चिंता करनी की जरूरत फिलहाल नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये इंसानों के लिए सीधे तौर पर संक्रामक नहीं है। लेकिन, ये आगे चल कर कोरोना की तरह किसी पक्षी से फैलने वाला जूनोटिक वायरस बन सकता है और फिर इसी की तरह इंसानों की बस्ती तक पहुंच सकता है। पर ये सब आशंकाएं हैं जिसे लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। तो, इस वायरस के बारे में जानकारी रखें पर इसे लेकर चिंता ना करें। अभी ये इंसानों की बस्ती से काफी दूर है।