बच्चों के सही विकास के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार देना जरूरी है। शरीर में जिंक की कमी होने से बच्चों की लंबाई और शारीरिक विकास पर असर पड़ने लगता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक जिंक सभी के शरीर के लिए जरूरी है। हालांकि बढ़ती उम्र में सही पोषण नहीं मिलने से बच्चों की ग्रोथ पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए बच्चों की डाइट में जिंक और दूसरे विटामिन और मिनरल से भरपूर चीजों को जरूर शामिल करें। दरअसल जिंक शरीर में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। जिंक शरीर में घाव भरने और वजन को ठीक रखने में मदद करता है। गर्भावस्था के दौरान शिशु के सही विकास के लिए भी जिंक जरूरी है। हालांकि कई बार लोग शरीर में जिंक की कमी का पता नहीं लगा पाते हैं। खासतौर से बच्चों के शरीर में जिंक की कमी है या नहीं इसका पता लगाने में लोगों को मुश्किल होती है। इसलिए कुछ लक्षणों को गौर करना चाहिए। बच्चों के शरीर में अगर इनमें से कोई भी लक्षण नजर आए तो समझ लें कि शरीर में जिंक की कमी होने लगी है।
बच्चों के शरीर में जिंक की कमी के लक्षण
कई से ऐसे संकेत हैं जिससे आप बच्चे के शरीर में जिंक की कमी का पता लगा सकते हैं। आपको इन लक्षणों पर गौर करना है। अगर ऐसा नजर आए तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। जिंक की कमी से बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।
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भूख में कमी- जब शरीर में जिंक की कमी होने लगती है तो इससे भूख पर असर पड़ता है। अगर बच्चा खाने के लिए बिल्कुल तैयार न हो। या फिर भूख न लगने की समस्या बताए तो एक बार डॉक्टर को जरूर दिखाएं। बच्चे के शरीर में जिंक की कमी हो सकती है।
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वजन और लंबाई में फर्क न दिखना- अगर बच्चे की लंबाई और वजन में आपको काफी दिनों से कोई बदलाव नजर नहीं आ रहा है। बच्चे की उम्र के हिसाब से ग्रोथ नहीं हो रही है तो शरीर में जिंक की कमी हो सकती है। इसके लिए एक बार डॉक्टर से सलाह लें।
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मेमोरी कमजोर होना- बच्चों की मेमोरी बहुत शार्प होती है, लेकिन अगर आपको बच्चे की मेमोरी कमजोर लग रही है। उसे बहुत ज्यादा याद नहीं रहता है तो ऐसा जिंक की कमी के कारण भी हो सकता है। कुछ बच्चों को ये तक याद नहीं रहता कि उन्होंने दिन में क्या खाया था। पढाई में याद किया हुआ सब भूल जाते हैं। ऐसा जिंक की कमी होने पर भी हो सकता है।
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चोट या घाव देरी से भरना- बच्चे अक्सर कुछ न कुछ चोट लगाते रहते हैं। हालांकि किड्स की हीलिंग पावर भी बहुत ज्यादा होती है। ऐसे में कोई भी चोट आसानी से भर जाती है। अगर चोट या घाव भरने में देरी हो रही है तो बच्चे के शरीर में जिंक की कमी हो सकती है। इसे मामूली समझकर अनदेखा न करें।
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जल्दी बालों का झड़ना- बढ़ती उम्र के साथ बालों का झड़ना भी शुरू हो जाता है। अगर छोटी उम्र में ही बच्चों के बाल तेजी से झड़ने लगे हैं तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। खासतौर से जिंक की कमी होने पर बाल तेजी से झड़ने लगते हैं।
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