Friday, November 22, 2024
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कोरोना से खुद को बचाने के लिए स्वामी रामदेव के बताए करें ये योगासन, इम्यूनिटी होगी बूस्ट और नहीं पड़ेंगे बीमार

स्वामी रामदेव बीते एक साल से योग के जरिए कोरोना से बचने की तमाम बातें बता रहे हैं। वहीं कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए भी स्वामी रामदेव ने कुछ योगासन और इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए काढ़ा बताया है। जिसे अपनाकर आप कोरोना से अपने आपको बचा सकते हैं।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: April 07, 2021 10:47 IST
yoga to boost immunity- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV yoga to boost immunity

कोरोना की दूसरी लहर पिछली बार से 300 गुना ज्यादा खतरनाक है। ये बात हर दिन सामने आ रहे आंकड़ों से साफ है। ये आंकड़े बता रहे हैं कि एक साल पहले हम जहां से चले थे अब हम फिर वहीं आकर खड़े हो गए हैं। सवाल ये उठता है कि आखिर कोरोना का इतना भयावह रूप सामने आया कैसे। इसकी वजह है लोगों का कोरोना को लेकर डर खत्म हो जाना। केस कम हुए तो लोग लापरवाह हो गए, दूसरा वायरस का नया वेरिएंट तेजी से फैल रहा है और तीसरे वजह ये कि संक्रमित लोग जो जाने अनजाने साले नियम पालन नहीं करते और इस बीमारी को और फैलाते हैं। वैक्सिनेशन तेजी से चल रहा है लेकिन जब तक सभी को वैक्सीन नहीं लग जाता तब तक बचने का एक ही रास्ता है दो गज की दूरी, मास्क, योग और प्राणायाम। स्वामी रामदेव बीते एक साल से योग के जरिए कोरोना से बचने की तमाम बातें बता रहे हैं। वहीं कोरोना की दूसरी लहर से बचने के लिए भी स्वामी रामदेव ने कुछ योगासन और इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए काढ़ा बताया है। जिसे अपनाकर आप कोरोना से अपने आपको बचा सकते हैं। 

सूर्य नमस्कार- रोजाना करें करीब 10 मिनट तक

  • एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार 
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
  • पाचन तंत्र बेहतर रहता है 
  • शरीर में लचीलापन आता है
  • स्मरण शक्ति मजबूत होती है
  • वजन बढ़ाने के लिए कारगर 
  • शरीर को डिटॉक्स करता है
  • त्वचा में निखार आता है
  • तनाव की समस्या दूर होती है
  • शीर्षासन के फायदे
  • तनाव और चिंता दूर होती है
  • आत्मविश्वास, धैर्य और निडरता बढ़ती है 

इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए रोजाना करें ये योगासन

ताड़ासन 

  • पीठ की दर्द से राहत
  • लंबाई बढ़ाने में मदद 
  • मानसिक जागरूकता बढ़ती है
  • घुटनों के दर्द से राहत

तिर्यक ताड़ासन

  • हाइट बढ़ाने में फायदेमंद
  • रीढ़ की हड्डी की मालिश होती है
  • वजन कम करने में करें मदद
  • घुटने और पीठ दर्द में फायदेमंद
  • पैर, जांघ, घुटनों को करें मजबूत
  • कब्ज की समस्या दूर करें
  • सांस की बीमारी से निजात दिलाएं
  • फ्लैट पैर को सही करें
  • स्लिप डिस्क होने की संभावना कम करें
  • शरीर की थकान कम करके स्फूर्ति भरें  

पादहस्तान

  • तनाव और डिप्रेशन दूर करता है
  • हाईबीपी को नियंत्रण में रखता है
  • वजन घटान में मदद करता है

शीर्षासन

  • रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
  • कार्यक्षमता को बढ़ाकर एनेर्जेटिक बनाता है
  • दिमाग में ब्लड सर्कुलेट करता है
  • पिट्यूटरी और पीनियल ग्रंथियों का स्राव नियमित करता है
  • स्मरण शक्ति, एकाग्रता, उत्साह, स्फूर्ति, निडरता, आत्मविश्वास और धैर्य बढ़ाता है

सर्वांगासन

60 की उम्र में हार्ट, बोन, लिवर और किडनी सब रखना है परफेक्ट तो अपनाएं स्वामी रामदेव के बताए ये योगासन

  • ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बढ़ाता है
  • एजिंग को रोकने में सहायक
  • शारीरिक संतुलन ठीक रहता है 

मंडूकासन

  • डायबिटीज को दूर करता है 
  • पेट और हृदय के लिए भी लाभकारी
  • कंस्ट्रेशन बढ़ता है
  • पाचन तंत्र सही होता है 
  • लिवर, किडनी को स्वस्थ रखता है
  • ये प्राणायाम भी जरूर करें

कपालभाति

  • कपालभाति को प्राणायाम के अंतर्गत नहीं माना जाता है। हालांकि कपालभाति रोजाना करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है। जानिए कपालभाति को किस तरह से करना चाहिए।
  • कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
  • अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें। 
  • अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें। 
  • इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें। 

अनुलोम विलोम

  • सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
  • अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। 
  • इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। 
  • अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

भस्त्रिका

  • इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। 
  • तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  
  • इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।

फायदे

  • इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। 
  • भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।  

उज्जयी प्राणायाम

  • गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके।
  • इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।

फायदे

मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।

भ्रामरी प्राणायाम

  • इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। 
  • अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। 
  • सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। 
  • अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। 
  • इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

फायदे

इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। 

 

 

 

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