नींद पूरी न होना और खर्राटे लेना दोनों ही खतरनाक हैं, क्योंकि ये दोनों ही आदतें खराब सेहत का सिग्नल है। ब्रिटेन में हुई एक ताजा रिसर्च के मुताबिक, लगातार कम नींद लेने से ग्लूकोमा होने का रिस्क 13% तक बढ़ जाता है। वहीं खर्राटे लेने वालों या दिन में सोने वालों को काला मोतिया होने का खतरा बाकी लोगों के मुकाबले 11% ज्यादा हैं। रिसर्च के अनुसार, साल 2040 तक दुनियाभर में ग्लूकोमा के करीब साढ़े 11 करोड़ मरीज होंगे। ये ऐसी बीमारी है जिसका वक्त पर इलाज ना हो तो आंखों की रोशनी भी जा सकती है। सिर्फ यही नहीं नींद की कमी से डिसीजन पावर, सीखने की क्षमता और मेमोरी भी कम होने लगती है।
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अमेरिकी जर्नल में छपी एक रिसर्च बताती है कि अगर कैटरेक्ट से छुटकारा पा लिया जाए तो डिमेंशिया और अल्जाइमर जैसे रोग होने का खतरा 29 फीसदी तक घट जाता है। तो अगर आंखों को बचाना है तो नींद का पैटर्न सुधारना ही पड़ेगा, क्योंकि आंखों के पहले ही कई दुश्मन हैं, जैसे बढ़ा स्क्रीन टाइम, पॉल्यूशन, शुगर और बीपी। इन सभी की वजह से यूरोंप-अमेरिका में 30 से 40% लोगों की आंखों पर मोटा चश्मा चढ़ गया है। ऐसा ही रहा तो अगले 28 साल में पूरी दुनिया में 50% लोग मायोपिया से जूझ रहे होंगे, यानी दुनिया की आधी आबादी को चश्मे की जरूरत होगी।
पॉल्यूशन से आंखों का लाल होना, जलन, पानी आना, ड्राईनेस और आंखों का इंफेक्शन काफी सामान्य परेशानी हो गई है। जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में प्रकाशित स्टडी में दावा किया गया है कि मोतियाबिंद की सर्जरी से अल्जाइमर (Amnesia) रोग और भूलने की बीमारी के जोखिम कम हो जाते हैं। दशकों तक चलने वाली इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने 65 साल से ज्यादा उम्र वाले 3038 पुरुष और महिलाओं को शामिल किया था। इनमें से 1382 की कैटरेक्ट यानी मोतियाबिंद की सर्जरी हुई. बाकी की नहीं हुई। शोधकर्ताओं ने पाया कि सर्जरी कराने वाले बुजुर्गों में डिमेंशिया और भूलने संबंधी अन्य बीमारियों का जोखिम 29% तक कम था। तो आइए स्वामी रामदेव से जानते हैं कि कैसे नेचुरल उपायों की मदद से आप अपनी आंखों का ख्याल रख सकते हैं।
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कम सोने से दिक्कत
- फैसले लेने में मुश्किल
- सीखने की क्षमता घटती है
- याददाश्त कमजोर होती है
आंखों के दुश्मन
- ज्यादा स्क्रीन टाइम
- पॉल्यूशन
- डायबिटीज
- हाई बीपी
- न्यूरो प्रॉब्लम
- सर्दी
कैसे बचाएं आंखें
आंखों की रोशनी बढ़ाएं
- सुबह-शाम 30 मिनट प्राणायाम करें
- अनुलोम-विलोम करें
- 7 बार भ्रामरी करें
- 1 चम्मच दूध के साथ 'महात्रिफला घृत' पीएं (खाने के बाद दिन में दो बार)
- एलोवेरा-आंवला का जूस पीएं
नजर होगी शार्प
- गुलाब जल में त्रिफला का पानी मिलाएं
- मुंह में नॉर्मल पानी भरें
- त्रिफला-गुलाब जल से आंखें धोएं
नजर शार्प करने के लिए खाएं ये चीजें
- किशमिश और अंजीर खाएं
- 7-8 बादाम पानी में भिगोकर खाएं
अगर खाएंगे ये चीजें तो नहीं लगेगा चश्मा
- गाजर
- पालक
- ब्रोकली
- शकरकंद
- स्ट्रॉबेरी
इन चीजों को खाने से उतर जाएगा चश्मा
- बादाम, सौंफ और मिश्री लें
- पीस कर पाउडर बना लें
- रात को गर्म दूध के साथ लें
आंखों के लिए एक्यूप्रेशर
दूसरी उंगली के नीचे 5 मिनट तक दबाएं
आंखों में होने वाली परेशानी
- नजर कमजोर
- धुंधला दिखना
- ग्लूकोमा
- मोतियाबिंद
- लाल आंखें
- सूखापन
- आंखों में जलन
- आंखों से पानी आना
त्राटक क्रिया के लाभ
- नेत्र रोग खत्म
- तीव्र दृष्टि
- आंखों की जलन खत्म
- आंखों में दर्द नहीं
बढ़ रही है नजर की दिक्कतें
- यूरोप-अमेरिका में 30-40% लोगों की नजर कमजोर
- 2050 तक दुनिया में 50% होंगे मायोपिया के शिकार
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