Yoga Tips: बंद मुट्ठी लाख की, खुल गई तो खाक की... ये बात देश के पहले उप प्रधानमंत्री लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल बखूबी जानते थे। इसलिए उन्होंने आजादी के बाद 562 स्वदेशी रियासतों को देश के साथ जोड़कर अखंड भारत की नींव रखी। इसलिए आज की तारीख यानि उनके जन्मदिन को 'नेशनल यूनिटी डे' (National Unity Day) के रूप में मनाते हैं। लेकिन इस एकता की जरूरत सिर्फ एक दूसरे से जुड़े रहने के लिए नहीं बल्कि साथ मिलकर मुश्किलों से सामना करने के लिए भी है। ऐसी ही एक मुश्किल है बढ़ता प्रदूषण लेवल, जो जान पर आफत बना हुआ है। दिल्ली एनसीआर में हवा इतनी ज़हरीली हो गई है कि एक एक सांस ज़िंदगी के दिन कम कर रही है।
दिल्ली के आनंद विहार इलाके में तो AQI लेवल रिकॉर्ड 688 तक पहुंच गया है..फरीदाबाद में 509 तो और कई इलाकों में भी AQI साढ़े तीन सौ से भी ज़्यादा रहा। हालात इतने बदतर हो गए हैं कि राजधानी में कि पॉल्यूशन कंट्रोल करने के लिए GRAP यानि ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान का तीसरा चरण लागू कर दिया गया है। ज़रूरी प्रोजेक्ट्स को छोड़कर बाकी सभी कंसट्रक्शन वर्क्स पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा और भी कई एहतियाती इतंज़ामात किए गए हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पॉल्यूशन के कहर से निपटने के लिए कल हाई लेवल मीटिंग भी की है।
इसकी ज़रूरत भी है, क्योंकि प्रदूषण के अटैक को ना रोका गया तो अंजाम बहुत बुरा हो सकता है। हवा जितनी ज़हरीली होगी सांस से जुड़ी परेशानियां उतनी बढ़ेंगी, COPD, ब्रोंकाइटिस, टीबी, अस्थमा जैसी बीमारिया ट्रिगर होंगी। इतना ही नहीं जो लोग हेल्दी हैं, प्रदूषण में सांस लेने पर वो भी थकान.. सिरदर्द.. स्ट्रेस.. आंखों-नाक और गले में जलन की शिकायत करने लगते हैं। खराब हवा का असर न्यूरो सिस्टम और कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर भी दिखाई देता है। ऐसे में इस पॉल्यूशन से बचने के लिए योग और आयुर्वेद की शरण में जाने की ज़रूरत है। क्योंकि एक नई स्टडी के मुताबिक हफ्ते में सिर्फ 5 दिन एक्सरसाइज़ करने से सांस का संक्रमण 43% तक कम हो सकता है।
दिल्ली में ज़हरीली हवा
- आनंद विहार 688 AQI
- फरीदाबाद 509 AQI
- जहांगीरपुरी 395 AQI
- वज़ीरपुर 382 AQI
- मुंडका 365 AQI
- रोहिणी 374 AQI
GRAP स्टेज 3 में पाबंदियां
- निर्माण कार्यों पर पूरी तरह रोक
- फैक्ट्रियां हफ्ते में 5 दिन चलेंगी
- ईंट भट्टे, हॉट मिक्स प्लांट्स बंद रहेंगे
- खनन के सभी कामों पर प्रतिबंध
- दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने की हाई लेवल मीटिंग
- दिल्ली में निगरानी के लिए बनाई 586 टीमें
- पानी का छिड़काव तेज़ करने पर दिया ज़ोर
- अगले 5-6 दिन एयर क्वालिटी और खराब होने का अनुमान
- पराली के धुएं से बढ़ेगी मुश्किल
जहरीली हवा से बचें
हवा में छोटे-छोटे कण हमारे खून में तक शामिल हो जाते हैं। ये कण सांस से लंग्स में, लंग्स से ब्लड में, ब्लड से पूरे शरीर में जाते हैं और गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि इसका असर लंग्स, आंख, ब्रेन पर भी होता है।
एयर पॉल्यूशन सांसों पर संकट
- COPD
- ब्रोंकाइटिस
- टीबी
- अस्थमा
- थकान
- सिरदर्द
- स्ट्रेस
- न्यूरो प्रॉब्लम
- खतरे में दिल
GRAP की चार कैटेगरी हेडर
- स्टेज 1 - AQI का स्तर 201 से 300 के बीच
- स्टेज 2 - AQI का स्तर 301 से 400 के बीच
- स्टेज 3 - AQI का स्तर 401 से 450 के बीच
- स्टेज 4 - AQI का स्तर 450 के ऊपर
एलर्जी प्रॉब्लम प्रदूषण जिम्मेदार
- देश की 30% आबादी को एलर्जी
- करीब 40 करोड़ को बदलते मौसम में दिक्कत
- दिल्ली के 52.8 % बच्चों को एलर्जी
- दिल्ली के 29% बच्चों को अस्थमा
एलर्जी में रामबाण
- 100 ग्राम बादाम
- 20 ग्राम कालीमिर्च
- 50 ग्राम शक्कर
(मिलाकर पाउडर बनाएं 1 चम्मच दूध के साथ लें)
एलर्जी में फायदेमंद, सरसों का तेल
- सोते वक्त तलवों पर गर्म सरसों तेल लगाएं
- नाभि में सरसों तेल डालें
- नाक में सरसों तेल डालें
हल्दी है रामबाण
- दूध में कच्ची हल्दी पकाएं
- हल्दी-दूध में शिलाजीत मिलाएं
- हल्दी दूध लंग्स के लिए फायदेमंद
फेफड़े बनेंगे मजबूत
- श्वासारि क्वाथ पीएं
- मुलैठी उबालकर पीएं
- मसाला टी भी फायदेमंद
गले में एलर्जी ऐसे होगी ठीक
- नमक पानी से गरारा
- सरसों तेल से नस्यम
- मुलेठी खाने से फायदा
स्किन एलर्जी पर ये पेस्ट लगाएं
- एलोवेरा
- नीम
- मुल्तानी मिट्टी
- हल्दी
आंखों में एलर्जी
- ठंडे पानी से आंखें धोएं
- गुलाब जल आंखों में डालें
- खीरा काटकर आंखों पर रखें
हार्ट प्रॉब्लम में आयुर्वेदिक उपाय
- लौकी कल्प करें
- अर्जुन-दालचीनी काढ़ा पीएं
लंग्स हेल्दी बनाएं
- बेसन की रोटी
- भुना चना लें
- मुलेठी चबाएं
पौधे लगाएं, लंग्स बचाएं
- एरिका पाम
- स्नेक प्लांट
- मनी प्लांट
- बोस्टन फर्न
- फ्लेमिंगो लिली
- तुलसी
सेहत के लिए वरदान है वेजिटेबल जूस: ब्रोकली से दूर होगा स्ट्रेस, लौकी जूस रखेगा आपको कूल!
प्रदूषण ने किया फेफड़ों पर अटैक, इन घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खों से बचाएं कीमती सांसें