नई दिल्ली: क्या आपको ज़रा ज़रा सी तकलीफ पर मेडिसिन लेने की आदत है? आम सर्दी-ज़ुकाम होते ही झट से एंटीबायोटिक ले लेते हैं? बॉडी ache होने पर पेनकिलर खा लेते हैं? अगर ऐसा है तो आपको अभी इसी वक्त से ये आदत छोड़ देनी चाहिए, क्योंकि सरकार की बड़ी मेडिकल रिसर्च एजेंसी ICMR भी एंटीबायोटिक को कम असरदार बता चुकी है। अब ऐसे में आप सोच रहे होंगे कि अगर एंटीबायोटिक ना लें तो क्या लें!
क्योंकि इस वक्त एक दो नहीं सेहत के कई दुश्मन सामने खड़े हैं। मौसम तेज़ी से ठंडा हो रहा है atmosphere में नमी बढ़ रही है और उस पर प्रदूषित हवा ये तीनों शरीर पर घातक असर कर रहे हैं। तभी आजकल कोल्ड-कफ, वायरल, फीवर, बॉडीपेन, साइनस, निमोनिया के मामले आम हो रहे हैं।
सांसों के मरीज़ तेज़ी से बढ़ रहे हैं, क्योंकि हवा के साथ सांसों में घुलकर शरीर के अंदर जा रहा प्रदूषण रेस्पिरेट्री ट्रैक् में जम जाता है और चेस्ट कंजेशन लंग्स इंफेक्शन की वजह बनता है। अस्थमा पेशेंट्स की मुश्किलें तो कई गुना बढ़ गई हैं। सांस की तकलीफ बनी रहे तो टीबी होने के चांस भी बढ़ जाते हैं।
प्रदूषण से देश में फेफड़ों का कैंसर भी तेज़ी से फैल रहा है। देश में नए कैंसर पेशेंट में लगभग 7% मामले फेफड़ों के कैंसर के होते हैं जबकि कैंसर से होने वाली मौतों में करीब साढ़े 9% मौत लंग्स कैंसर से होती हैं। इसलिए चाहे बदनदर्द हो या सांस की दिक्कत, लोग फौरन मेडिसिन का रूख करते हैं। लेकिन international research journal of ayurveda and yoga में छपी रिसर्च कहती है कि आयुर्वेद की जड़ीबूटियों में वो ताकत है जो रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के साथ साथ सर्दी ज़ुकाम का भी सफाया कर सकती है।
इस रिसर्च के मुताबिक सर्दी-ज़ुकाम के करीब 70% मरीज़ों को आयुर्वेदिक जड़ीबूटियों से इलाज के चौथे दिन फायदा हुआ और लगभग 91% मरीज़ों को सातवें दिन के अंदर कोल्ड कफ से राहत मिली। आयुर्वेद में कुछ तो बात है वरना यूं ही थोड़े ना इंडोनेशिया में हुई G-20 समिट में हमारे प्रधानमंत्री ने योग-आयुर्वेद को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया। तो चलिए अपने देश की इस विरासत को आगे बढ़ाते हैं (out) और बढ़ती सर्दी-पॉल्यूशन के डबल अटैक से लोगों की सांसे बचाने के तमाम उपाय स्वामी रामदेव से जानते हैं।
इन दिनों होने वाली बीमारियां
- सर्दी-ज़ुकाम
- वायरल - फीवर
- निमोनिया
- साइनस
- बॉडीपेन
3 दुश्मनों का अटैक, कैसे बचाएं सांसें
- रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन
- चेस्ट कंजेशन
- फेफड़ों में संक्रमण
- अस्थमा
- टीबी
प्रदूषण से खतरे में लंग्स
- पॉल्यूशन से बढ़ा लंग्स कैंसर
- नए कैंसर में 6.9% फेफड़ों के कैंसर
- कैंसर से कुल मौत में 9.3% लंग कैंसर से
सर्दी-ज़ुकाम में रामबाण आयुर्वेदिक इलाज
- जड़ी-बूटियों से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन खत्म
- 70% मरीज़ 4 दिन में ठीक
- 91.3% मरीज़ों को 7 दिन में आराम
- IRJAY ने 5 महीने तक की रिसर्च
जुकाम होने पर क्या करें?
- ठंडा पानी पीने से बचें
- गुनगुना पानी ही पीएं
- नमक डालकर गरारे करें
- नाक में अणु तेल डालें
- अदरक, लौंग, दालचीनी का काढ़ा पीएं
- तुलसी,अदरक,कालीमिर्च की चाय लें
एलर्जी में रामबाण
- 100 ग्राम बादाम
- 20 ग्राम कालीमिर्च
- 50 ग्राम शक्कर (मिलाकर पाउडर बनाएं 1 चम्मच दूध के साथ लें)
फेफड़े बनेंगे मजबूत
- श्वासारि क्वाथ पीएं
- मुलेठी उबालकर पीएं
- मसाला टी भी फायदेमंद
इन उपाय से लंग्स हेल्दी बनाएं
- बेसन की रोटी
- भुना चना लें
- मुलेठी चबाएं
लंग्स बनाएं मजबूत
- रोज़ प्राणायाम करें
- हमेशा गुनगुना पानी पीएं
- तुलसी उबालकर पीएं
- गिलोय का काढ़ा पीएं
एलर्जी में फायदेमंद, सरसों का तेल
- सोते वक्त तलवों पर गर्म सरसों तेल लगाएं
- नाभि में सरसों तेल डालें
- नाक में सरसों तेल डालें
गले में एलर्जी
- नमक पानी से गरारा
- सरसों तेल से नस्यम
- मुलेठी खाने से फायदा
गले में इंफेक्शन क्या करें?
- नमक के पानी से गरारा करें
- जंक फूड से परहेज करें
- स्टीम लेना फायदेमंद
- ठंडा पानी बिल्कुल ना पीएं
स्किन एलर्जी पेस्ट लगाएं
- एलोवेरा
- नीम
- मुल्तानी मिट्टी
- हल्दी
आंखों में एलर्जी
- ठंडे पानी से आंखें धोएं
- गुलाब जल आंखों में डालें
- खीरा काटकर आंखों पर रखें
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किडनी की बीमारी से बचें
- वर्कआउट करें
- वजन कंट्रोल करें
- स्मोकिंग ना करें
- खूब पानी पीएं
- जंकफूड ना लें
- ज्यादा पेनकिलर ना लें
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