Highlights
- आजकल तो 20-25 साल के युवा भी कमर पर हाथ रखकर दर्द से कराहते नज़र आते हैं।
- स्पाइन हमारे पूरे शरीर का बोझ संभालती है।
Yoga Tips: जब दर्द बर्दाश्त से बाहर हो जाता है तो उसे लफ्ज़ों में बया करना मुश्किल हो जाता है। कमर से जुड़ा दर्द भी कुछ ऐसा ही होता है। एक स्टडी के मुताबिक हमारे देश में 80 फीसदी लोग कभी ना कभी अपने जीवन में उसकी शिकायत करते हैं। पहले सिर्फ दादी-नानी को लाठी पकड़कर कमर झुकाए चलते देखते थे, लेकिन आजकल तो 20-25 साल के युवा भी कमर पर हाथ रखकर दर्द से कराहते नज़र आते हैं। जिस तरह का लाइफस्टाइल लोग जी रहे हैं। उसी का नतीजा है कि जिस उम्र में तनकर चलना चाहिए उस उम्र में चलना तो दूर उठना बैठना और झुकना मुहाल हो गया है। जब फिज़िकल एक्टिविटी नहीं करेंगे गलत पॉश्चर में बैठकर घंटो कम्प्यूटर-लैपटॉप से चिपके रहेंगे। गेम्स के नाम पर मोबाइल पर नज़र गड़ाए और गर्दन झुकाए रखेंगे तो रीढ़ की हड्डी को तो साइड इफेक्ट्स भुगतने ही होंगे।
स्पाइन हमारे पूरे शरीर का बोझ संभालती है। ब्रेन-बॉडी के बीच कनेक्शन जोड़ने वाले स्पाइन कॉर्ड को प्रोटेक्ट करने का काम करती है। इतना ही नहीं लिवर, किडनी, हार्ट, इन्टेस्टाइन भी स्पाइन के दम पर ही टिके है। लापरवाही की वजह से सर्वाइकल, स्पॉन्डिलाइटिस, साइटिका,वर्टिगो, स्लिप डिस्क जैसी बीमारियां उसे कमज़ोर कर रही हैं। परेशानी लगातार बनी रहे तो स्पाइनल कॉर्ड तक डैमेज हो सकती हैं। इतने खतरे होने के बावजूद देश की ज़्यादातर आबादी कमरदर्द पर तब तक ध्यान नहीं देती जब तक वो हद से ज्यादा ना बढ़ जाए। जबकि डॉक्टर्स भी कहते हैं कि 95% कमरदर्द सिर्फ घर पर वर्कआउट करके दूर किए जा सकते हैं। लोगों को समझना चाहिए कि अगर लंबे वक्त तक बिना किसी सहारे के अपने कदमों पर चलकर ज़िंदगी का सफर तय करना है तो स्पाइन को मज़बूत करना होगा और उसका ख्याल भी रखना होगा।
भारत में कमर दर्द
- 100 में से 80 लोगों को बैकपेन
- 16 से 34 साल के 20% युवा परेशान
- 46% महिलाओं को दिक्कत
- 54% पुरुष को स्पाइन प्रॉब्लम
लाइफस्टाइल बिगड़ा तो स्पाइन को खतरा
- फिज़िकल एक्टिविटी से दूर
- बच्चे वीडियो गेम्स में अटके
- घंटो कंप्यूटरलैपटॉप पर काम
- गलत खानपान
रीढ़ की हड्डी को रखें मज़बूत
- बॉडी मूवमेंट स्पाइन कॉर्ड को प्रोटेक्ट करती है
- कॉर्ड से ब्रेन-बॉडी में कनेक्शन जुड़ता है
स्पाइन का कनेक्शन
- हार्ट
- लिवर
- किडनी
- इंटेस्टाइन
- नर्वस सिस्टम
स्पाइन प्रॉब्लम
- स्लिप डिस्क
- फ्रोज़न शोल्डर
- सर्वाइकल
- स्पॉन्डिलाइटिस
- साइटिका
- वर्टिगो
स्पाइन प्रॉब्लम क्या है वजह
- देर तक झुक कर काम करना
- गलत तरीके से बैठने की आदत
- भारी वजन उठाना
- बढ़ती उम्र से हड्डियां कमजोर
- कमर पर चोट लगना
- कैल्शियम की कमी
कमर में दर्द में मिलेगी राहत
- 95% बैक पेन में सर्जरी की जरूरत नहीं
- योग-वर्कआउट से दर्द में आराम
- लाइफस्टाइल बदलने से मिलेगा आराम
रीढ़ का रखें ख्याल
- रीढ़ की हड्डी में 33 वर्टिब्रा होते हैं
- स्पाइन के वर्टिब्रा 4 तरह के होते हैं
- सर्वाइकल वर्टिब्रा C-1 से C-7 तक होता है
- थोरेसिर वर्टिब्रा T-1 से T-12 तक होता है
- लंबर वर्टिब्रा L-1 से L-5 तक होता है
- सेकरम वर्टिब्रा S-1 से S-5 तक होता है
सर्वाइकल पेन से कैसे पाएं छुटकारा
- बैठते समय गर्दन को सीधा रखें
- नर्म गद्दे की जगह तख्त पर सोएं
- विटामिन डी-कैल्शियम डाइट लें
- स्मोकिंग, कैफीन बंद कर दें
- रोज़ गर्दन के लिए योग करें
स्पाइनल प्रॉब्लम में जरुर खाएं
- लहसुन
- तिल
- हल्दी
- तुलसी
- दालचीनी
- अदरक
कमर दर्द से कैसे बचें ?
- लैपटॉप को गोद में रख कर काम ना करें
- डेस्क या मेज का इस्तेमाल करें
- काम करते वक्त पैर जमीन पर टिकाएं
- कमर सीधी रखें
- कंधे ना झुकाएं
- हर 1 घंटे में 5 मिनट ब्रेक लें
- ब्रेक में सूक्ष्म व्यायाम करें
अच्छी सेहत के लिए क्या खाएं
- नाश्ते में अंकुरित खाएं
- मल्टीग्रेन दलिया डायजेशन के लिए बहुत अच्छा
- लौकी , गाजर का जूस जरूर लें
- ज्यादा फैट वाले खाने से दूर रहें
- डाइट में दूध या दही-छाछ शामिल करें
- रात का भोजन 7 बजे से पहले करें