थायराइड की बीमारी तेजी से पांव पसारती जा रही हैं। इस रोग से सबसे ज्यादा महिलाएं शिकार होती हैं। इस बीमारी में में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन भी गड़बड़ा जाते हैं। जानिए योगासनों की मदद से कैसे इस समस्या से निजात पाया जाता सकता है। थायराइड की समस्या में तेजी से वजन बढ़ना या फिर कम होना, बेचैनी, नींद न आना, अनियमित पीरियड्स होना आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जानिए स्वामी रामदेव से बेहतरीन योगासन।
क्या है थायराइड?
थायराइड गले में स्थित एक ग्रंथि का नाम है। यह ग्लैंड गले के आगे के हिस्से में मौजूद होता है और इसका आकार एक तितली के समान होता है। यह बॉडी के कई तरह के मेटाबॉलिज्म को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है। जब ये असंतुलित होता है तो थायरायड की बीमारी होती है। ये रोग हाइपो थायरायड और हाइपर थायरायड दो तरह का होता है।
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थायराइड से निजात पाने के लिए योगासन
स्वामी रामदेव के अनुसार रोजाना प्राणायाम करने से विशेष लाभ मिलता है। इसमें आप कपालभाति, भस्त्रिका, उज्जायी, भ्रामरी, अनुलोम-विलोम कर सकते हैं।
सिंहासन
अगर आप थायराइड से छुटकारा पाना चाहते हैं तो यह योगासन सबसे बेस्ट है। इस आसन को करने के लिए दोनों पैरों को सामने की ओर फैला के बैठ जाएं। अब अपने दाएं पैर को मोड़ें और उसे बाएं पैर की जांघ पर रख लें और बाएं पैर को मोड़ें और उसे दाएं पैर की जांघ पर रख लें। अब आगे की ओर झुक जाएं और दोनों घुटनों के बल होते हुए अपने हाथों को सीधा करके फर्श पर रख लें। इसके बाद अपने शरीर के ऊपर के हिस्से को आगे की ओर खींचे। अपने मुंह को खोलें और अपने जीभ को मुंह से बाहर की ओर निकालें। नाक से सांस लेते हुए मुंह से आवाज करें। इस आसन को रोजाना 7 से 11 बार करें।
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उज्जायी
इसे करने के लिए गले से सांस अंदर भरकर ऊं का उच्चारण किया जाता है। इससे थायराइड को काफी लाभ मिलता है। इस आसन को नियमित रूप से 7 से 11 बार करें।
सर्वांगासन
अगर आपका शरीर हल्का है तो इस आसन को जरूर करें। इससे थायराइड के साथ-साथ मन को शांति मिलती है।
हलासन
सर्वांगासन करने के बाद 2-3 मिनट इस योगासन को करें। कमर और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। हाथों को मजबूती आने के साथ थायराइड से निजात मिलता है।
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कपालभाति
इस प्राणायाम के लिए सबसे पहले सिद्धासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। इसके साथ ही रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा रखें। इसके बाद शांत मन से सांस लें। इसके बाद झटके से सांस को छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खिंचे। इस प्राणायाम को 50 से 100 बार जरूर करें।
ग्रीवा आसन
इस आसन को आप जमीन या फिर कुर्सी पर बैठ कर आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए अपनी रीढ़ की हड्डी और गर्दन को सीधा रखें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए गर्दन को आगे की ओर झुकाएं। सांस भरते हुए गर्दन को दाई ओर इस तरह झुकाएं जिससे कान कंधे को छू जाएं। यानी आपको अपनी गर्दन घड़ी की सुई की तरह आराम-आराम से गोल-गोल घुमानी है। इसके सा भी दूसरी दिशा में घुमाएं। इस आसन को आराम से करें।